किसान गले में पहन रहे कंटीले कॉलर, जंगली जानवरों का बढ़ा खतरा, जान की सुरक्षा के लिए सरकार से कर रहे अपील

On: Saturday, November 22, 2025 4:11 PM
जंगली जानवरों से बचने के लिए कंटीले कॉलर पहने किसान

जंगली जानवर सिर्फ फसल ही नहीं, बल्कि किसानों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में किसान अपनी जान बचाने के लिए गले में कंटीला कॉलर पहन रहे हैं-

जंगली जानवरों से बचने के लिए कंटीले कॉलर पहने किसान

जंगली जानवरों का खतरा देश के कई राज्यों के किसानों को परेशान कर रहा है। इसी वजह से इस समय महाराष्ट्र के किसान चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल, महाराष्ट्र में जंगली जानवरों का खतरा इतना ज्यादा बढ़ गया है कि किसान फसल ही नहीं, बल्कि अपनी जान को लेकर भी चिंतित रहते हैं। खेतों में काम करते समय वे गले में कंटीले तार वाला कॉलर पहन रहे हैं, जिससे वे अपनी गर्दन को सुरक्षित रख पाते हैं।

महाराष्ट्र में काला भेड़िया, तेंदुआ जैसे खतरनाक जानवरों का आतंक बढ़ गया है। कई लोग इन जानवरों के हमलों का शिकार हो चुके हैं, इसलिए किसानों के बीच डर का माहौल है। इसी कारण वे खेतों में काम करते समय गले को सुरक्षित रखने के लिए कंटीला कॉलर पहनते हैं।

जंगली जानवरों से किसानों की सुरक्षा के लिए सरकार से अपील

महाराष्ट्र में इस तरह बढ़ता जंगली जानवरों का आतंक किसानों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल बन गया है। किसानों की सरकार से अपील है कि उनकी सुरक्षा का पक्का इंतज़ाम किया जाए, क्योंकि कई किसान पूरी तरह से खेती पर ही निर्भर हैं। इसलिए वे चाहते हैं कि उन्हें सुरक्षा मिले, ताकि वे बिना डर के खेतों में काम कर सकें।

हर दिन खेतों में दिख रहा एक तेंदुआ

महाराष्ट्र के पुणे में पीपलखेड़ा नाम का एक गांव है, जहां किसानों को गले में स्पाइक वाले कॉलर पहने देखा जा सकता है। यहां समाचार एजेंसियों के लोग भी पहुंच रहे हैं और किसानों की समस्या सुनकर इसे अन्य लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।इसी दौरान किसान बिट्टू रंगनाथ से बातचीत हुई। उन्होंने बताया कि यहां प्रतिदिन तेंदुआ दिख जाता है। कई बार किसानों का तेंदुए से सामना भी हो जाता है, जिसमें बुजुर्गों और बच्चों के लिए खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए लोग समूह बनाकर खेतों में काम करने जाते हैं और बच्चों के स्कूल के समय को बदलने की भी चर्चा हो रही है।

कुछ लोग तो जान बचाने के लिए खेती करना भी छोड़ रहे हैं, क्योंकि खेतों में जंगली जानवरों का खतरा बहुत अधिक है। कुछ दिन पहले फॉरेस्ट डिपार्टमेंट और रेस्क्यू टीम निर्मलकर ने एक तेंदुआ पकड़कर किसानों को राहत पहुंचाई थी।

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