हरियाणा के युवा किसान रवि पुनिया सेहत से भरपूर कश्मीरी लहसुन की खेती से कमा रहे 7 लाख सालाना  

On: Saturday, November 22, 2025 2:11 PM
हरयाणा फार्मर सक्सेस स्टोरी

हरियाणा के युवा किसान रवि पुनिया कश्मीरी गोल्डन लहसुन की खेती से सालाना 7 लाख तक कमा रहे हैं। आइए जानते हैं इनकी पूरी कहानी। 

रवि पुनिया का परिचय 

रवि पुनिया हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रहने वाले हैं। इनकी आयु 27 वर्ष है, इन्होंने बीएससी एग्रीकल्चर करने बाद एमए राजनीतिक विज्ञान से की है। आजकल युवा अपना भविष्य बड़े शहरो और नामी- गिरामी कंपनियों में देखते हैं पर रवि पुनिया की सोच औरों से अलग है, और यही अलग सोच उन्होंने अपनी खेती में भी दिखाई है। उन्होंने खेती में बहुत से प्रयोग किए। पहले पारंपरिक ढंग से वे अपनी जमीन पर धान, गेहूं और सरसों जैसी फसलों की खेती करते थे। आइए आगे की कहानी जानते हैं। 

आधुनिक और जैविक खेती अपनाकर करते खेती 

पारंपरिक खेती जब वे करते थे तब आमदनी से ज्यादा लागत  लग जा रही थी क्योंकि फसलों का उत्पादन ज्यादा नहीं होता था। इन सब चीजों को देखते हुए उन्होंने अपनी खेती में आधुनिक और जैविक तकनीक को अपनाने का फैसला किया। 

आधुनिक और जैविक तकनीक को अपनाते हुए उन्होंने अपनी फसलों में एक नई फसल को जोड़ा और वो फसल थी कश्मीरी गोल्डन लहसुन। यह लहसुन सामान्य लहसुन नहीं होता, इसके बहुत से गुण हैं। इस लहसुन का सेवन गठिया, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियों और साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा ये शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है। 

कश्मीरी गोल्डन लहसुन के खेती से सालाना 7 लाख की आमदनी होती है

इस लहसुन की खेती के लिए एक बार बस बीज खरीदने की जरूरत होती है।  कश्मीरी गोल्डन लहसुन की खेती करने पर 90 % हिस्सा सफेद और बचा हुआ 10 फीसदी हिस्सा गोल्डन होता है। इसकी एक गांठ का वजन 250 से 800 ग्राम तक होता है। इसकी उत्पादन प्रति एकड़ 90 क्विंटल सफेद लहसुन और 10 क्विंटल गोल्डन लहसुन की होती है। यह लहसुन जल्दी खराब नहीं होता, इसको 1 साल तक स्टोर करके रख सकते है और इस लहसुन में रोगों और कीटों का असर ज्यादा नहीं होता है। 

कश्मीरी गोल्डन लहसुन प्रति किलो हजार रुपए किलों से ज्यादा में बिकती है। इस लहसुन की खेती में ज्यादा लागत नहीं आती क्योंकि इसमें कीटनाशक और बीज का खर्च कम आता है। उनका सालाना टर्नओवर 7 लाख रुपये तक हो जाता है। पहले जितनी कमाई होती थी, उससे दोगुनी कमाई हो रही है। 

रवि पुनिया की सफलता आज के युवाओं को ये संदेश देती है कि अगर नई सोच के साथ खेती की जाए तो खेती में बहुत संभावना है।

यह भी पढ़ें –बिहार के किसान आनंद सिंह ने पुराने धान को दी नई पहचान, जीआई टैग मिलने से मार्केट में दाम बढ़े