MP में औषधीय फसलों की खेती के लिए अनुदान मिल रहा है, जिससे खेती का खर्च कम होता है, लेकिन आमदनी अधिक होती है। इसी कारण सरकार MP के किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है और बाजार भी उपलब्ध है।
MP में औषधीय फसलों का बढ़ रहा रकबा
मध्य प्रदेश में कई तरह की औषधीय फसलों की खेती होती है, जिससे MP के किसानों को भारी आमदनी हो रही है। आपको बता दें कि सतावर, कोलियस, सफेद मूसली जैसी कई तरह की औषधीय फसलें मध्य प्रदेश के किसान लगा रहे हैं। यदि 2022–23 से 2024–25 तक का हिसाब लगाया जाए, तो कुल 2,512 हेक्टर का रकबा बढ़ा है। वहीं उत्पादन की बात करें तो 2021–22 में 1,16,848 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था, जबकि 2024–25 में 1,24,199 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। इस तरह उत्पादन में भी लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
क्योंकि किसानों को पारंपरिक फसलों की तुलना में औषधीय और सुगंधित फसलों से ज्यादा आमदनी हो रही है, इसलिए उनकी भागीदारी बढ़ रही है। यही वजह है कि मध्य प्रदेश देश के औषधीय फसलों के उत्पादन में 44% हिस्सा रखता है। आइए जानते हैं कि सरकार से इस फसल पर कितना अनुदान मिलता है।
MP के किसानों को औषधीय फसलों पर कितना अनुदान मिलता है
MP के किसानों को औषधीय फसलों पर 20% से 50% तक अनुदान दिया जा रहा है, जिससे खेती की लागत काफी कम हो जाती है। जिन किसानों को 50% अनुदान मिलता है, उन्हें केवल आधा खर्च ही निवेश करना पड़ता है।
बताया जाता है कि इन औषधीय फसलों में किसानों को रासायनिक खाद या कीटनाशक आदि का कम खर्च करना पड़ता है, जिससे लागत पहले से ही कम हो जाती है। कुछ फसलें ऐसी भी होती हैं, जिन्हें सिंचाई की कम आवश्यकता होती है। इसलिए औषधीय फसलें किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा दे सकती हैं, बस किसानों को इसकी जानकारी होनी चाहिए। इनमें सफेद मूसली, गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा जैसी फसलों की खेती की जा सकती है।
औषधीय फसलों के लिए बाजार भी उपलब्ध है
किसी भी नई फसल को लगाने से पहले किसानों को उसकी बिक्री की चिंता रहती है। मध्य प्रदेश के किसानों को औषधीय फसलों की बिक्री के लिए सरकार बाजार उपलब्ध करवा रही है। वैद्यनाथ, डाबर जैसी आयुर्वेदिक कंपनियों को किसान अपनी फसल बेच सकते हैं। इसके अलावा संजीवनी क्लीनिक, विंध्यवैली जैसे ब्रांड भी औषधि उत्पादन के लिए बाजार उपलब्ध कराते हैं। इससे किसानों को अच्छी कीमत मिल जाती है, बस फसल की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए।

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद











