आज हम बात करेंगे इंटरक्रॉपिंग खेती के बारे में जो किसानों की आमदनी बढ़ाकर मिट्टी की भी सेहत सुधारती है।
इंटरक्रॉपिंग क्या है ?
इंटरक्रॉपिंग एक ऐसी पद्धति है जिसमें एक ही खेत में दो या दो से अधिक फसलों को एक साथ लगा सकते है। एग्रीकल्चर इंडिया का कहना है कि खेत में सब्जियों, दालों और फूलों की इंटरक्रॉपिंग करने से फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है, साथ ही मिट्टी उपजाऊ भी होती है। यह पारंपरिक खेती से अलग होती है। इसमें खेत के हर एक हिस्से का इस्तेमाल होता है। इससे किसानों को ज्यादा उत्पादन के चलते आमदनी भी बहुत अच्छी होती है।
इंटरक्रॉपिंग कैसे करते हैं ?
इंटरक्रॉपिंग में खेत में दो या दो से अधिक फसल लगा सकते हैं। जैसे किसान मक्का के साथ अरहर या मूंग भी लगाया जा सकता हैं। इस पद्धति में अगर दो फसलें लगाते हैं तो पहली फसल जिनकी जड़ें गहरी होती हैं और नीचे की ओर लंबाई में बढ़ती हैं, और दूसरी जिनकी जड़ें फैली हुई होती हैं, उसको लगाए। जैसे अगर 5 पंक्तियों में अरहर लगाई जा रही है, तो इसके साथ 3 पंक्तियों में उड़द लगाई जा सकती है।

जैसे रबी की फसल में गेहूं के साथ मूंगफली की भी खेती की जा सकती है जिसमें कम पानी के साथ ज्यादा पानी वाली फसलों का ख्याल रखा जाता है। गहरी जड़ों वाले पौधे जो होते हैं वे मिट्टी के अंदर गहराई में मौजूद पोषक तत्वों को लेते हैं ,जबकि उथली जड़ों वाले पौधे मिट्टी की ऊपर वाली परत से पोषक तत्व लेते हैं। इससे ये होता है की फसल की गुणवत्ता काफी बेहतर होती है और एक ही समय में दो फसलें मिल जाती हैं।
इंटरक्रॉपिंग के फायदे क्या हैं ?
आइए जानते हैं इंटरक्रॉपिंग के ढ़ेर सारे फायदे –
- खेत का पूरा उपयोग हो जाता है जिससे उत्पादन भारी मात्रा में होता है।
- इंटरक्रॉपिंग खेती करने से मिट्टी उपजाऊ होती है क्योंकि अलग अलग फसलों का मेल, जैसे दलहन मिट्टी में नाइट्रोजन जोड़ती हैं, जिससे मिट्टी उपजाऊ बनी रहती है और मिट्टी में खाद की जरुरत नहीं होती है।
- मिट्टी स्वस्थ रहती है जिससे खाद का खर्चा भी बचता है और पर्यावरण पर बुरा असर नहीं पड़ता है।
- इंटरक्रॉपिंग में किसान अगर एक बार खेत तैयार कर लेते हैं तो 2 फसलों से अधिक आमदनी होती है, मतलब एक बार के खर्च में दोगुना मुनाफा।
- इंटरक्रॉपिंग किसानों के लिए बेहतर विकल्प है क्योंकि अगर एक फसल ख़राब होती है तो दूसरा फसल से नुकसान पूरा हो जाता है।
- इंटरक्रॉपिंग में मक्का के साथ राजमा,गन्ना के साथ सरसों,चना के साथ गेहूं,धान के साथ मछली पालन और साथ ही तीन फसलें भी लगा सकते हैं।
इंटरक्रॉपिंग से किसानों को अधिक आमदनी, खाद सुरक्षा और साथ ही पर्यावरण की सेहत के लिए भी बहुत लाभ मिलता है। इसे अपनाकर किसान खेती को ज्यादा टिकाऊ बना सकते हैं।
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