किसानों के लिए भारतीय मौसम विभाग का फरमान, भारत के कुछ हिस्सों में ठंड बढ़ने की संभावना है

On: Wednesday, November 12, 2025 9:37 PM
MAUSAM NEWS

देश के कई हिस्सों में अब मौसम बदलने लगा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले कुछ दिनों के लिए कई राज्यों में तापमान गिरने और घना कोहरा छाने की चेतावनी दी है। आइए जानते हैं पूरी खबर।

किन इलाकों में ठंड बढ़ेगी  

उत्तर भारत के कई इलाकों में रात का तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री कम हो गया है। आईएमडी के अनुसार, नवंबर के दूसरे हफ्ते से ठंडी हवाएं उत्तर भारत में तेजी से बढ़ रही हैं। आने वाले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ हिस्सों में भी ठंड जैसी परिस्थितियाँ बनने की संभावना है।    

किसानों के लिए संदेश 

बदलते मौसम का असर खेती पर क्या पड़ेगा और किसानों को किन बातों का ध्यान देना चाहिए ,आइए जानते हैं। अचानक ठंड बढ़ने से फसलों पर गलत असर पड़ता है। अगर तापमान 5 डिग्री से नीचे चला जाए तो पौधे पिले पड़ जाते हैं या सूखने लग जाते हैं। जैसा कि हम जानते हैं , अभी रबी सीजन चल रही है, जिसमें गेहूं,चना,सरसों और मटर जैसी फसलों के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण समय होता है। अगर ठंड धीरे-धीरे बढ़े तो फसलों के लिए फायदेमंद साबित होती है, जिससे फसल अच्छे से अंकुर पाती हैं।

आईएमडी के अनुसार, अगले 10 दिनों में तापमान में गिरावट होने की संभावना है। रबी फसल के किसानों को बीजों पर विशेष ध्यान देना होगा क्योंकि बीजों में फफूंदी लग सकती है। इसके बचाव के लिए बीज को फफूंदनाशक से उपचारित करने के बाद ही लगाएं ताकि नमी से बीमारियों होने का खतरा न के बराबर हो।

फसलों को कैसे बचाएं

फसलों को ठंड के प्रकोप से  बचाए रखने के लिए खेत में नमी बनाए रखें और सिंचाई शाम को करें ताकि रात में तापमान अगर गिरे भी तो मिट्टी का तापमान पर कोई असर न पड़े। अगर कोहरा रहे तो फफूंदनाशक का छिड़काव करें ताकि नमी की वजह से रोग न लगें। 

मल्चिंग करें यानी फसल की जड़ो को भूसा,प्लास्टिक शीट या घास से ढक कर रखे ताकि ठंड जड़ों तक न पहुंचे। फसल को जूट की बोरी या प्लास्टिक कवर से ढकें ताकि ठंडी हवा से बचा जा सके। साथ ही खेतों में चारों ओर पेड़ या अवरोध लगाएं जो ठंडी हवा को फसलों तक पहुंचने न दे।

ठंड के मौसम में किसान भाई मौसम निर्देश पढ़ते रहें ताकि फसलों को ठंड से बचाया जा सके क्योंकि ठंड में फसलें जीतनी तेजी से बढ़ती हैं, उतनी ही पाला और नमी का खतरा बना रहता है। इसलिए किसानों को मौसम देखकर खेती की तैयारी करनी चाहिए जिससे फसल सुरक्षित रहे। 

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