गाय-भैंस का दूध बढ़ाना चाहते हैं तो चलिए एक प्रोटीन से भरपूर चारे की जानकारी देते हैं। जिसे एक बार खेत में लगा देंगे तो 10 साल तक यह चलता ही रहेगा।
गाय-भैंस का दूध बढ़ाने वाले चारे का नाम
गाय-भैंस अगर दूध कम दे रही हैं तो उसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि उनका स्वास्थ्य कैसा है, क्या वे सही पोषण पा रही हैं या नहीं। अगर चारा, दाना, पोषण सब कुछ दे रहे हैं और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा है, तो भी हो सकता है कि उनके आहार में कुछ कमी रह गई हो।
ऐसे में आप नेपियर घास उन्हें खिला सकते हैं। नेपियर घास खाने से गाय या भैंस 20% तक ज्यादा दूध दे सकती हैं। ऐसा पशुपालक खुद बताते हैं। उनका कहना है कि नेपियर घास देने के बाद भैंस का दूध 5 से 6 लीटर तक बढ़ जाता है, जिससे पशुपालक को बहुत अच्छा मुनाफा होता है। इसलिए नेपियर घास पशुओं को देना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। चलिए, अब जानते हैं कि नेपियर घास में क्या-क्या पोषक तत्व होते हैं और इसे खिलाने से क्या फायदे मिलते हैं।

नेपियर घास खिलाने के फायदे
नेपियर घास पशुओं को देने से उन्हें उच्च मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और कैल्शियम मिलता है। इससे पशुओं को भूख भी अधिक लगती है। नेपियर घास को हाथी घास भी कहा जाता है, जो दूध उत्पादन में 4 से 6 लीटर तक की बढ़ोतरी कर सकती है। नेपियर घास का स्वाद मीठा होता है और यह मुलायम भी होती है, जिससे पशुओं को यह पसंद आती है। इसे खिलाने से पशुओं में ताकत बढ़ती है और बीमारियाँ कम होती हैं, क्योंकि वे स्वस्थ बने रहते हैं।
नेपियर घास की खेती कैसे करें
नेपियर घास की खेती बहुत आसानी से की जा सकती है। शुरुआत में बस थोड़ी देखभाल की ज़रूरत होती है, लेकिन जैसे ही पौधे लग जाते हैं, उसके बाद एक बार रोपाई करने के बाद 8 से 10 साल तक दोबारा बीज लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। यह अपने आप बढ़ता रहता है। एक बार लगा देने के बाद 40 से 45 दिन में यह तैयार हो जाती है। इसके बाद आप बीच-बीच में कटाई कर सकते हैं। एक हेक्टेयर में लगाने पर 1500 से 2000 क्विंटल तक हरा चारा हर साल मिल सकता है।
पशुपालक बताते हैं कि एक बार नेपियर घास लगाने के बाद कुछ समय में इतना चारा होने लगता है कि उन्हें दूसरे पशुपालकों को भी देना पड़ता है। इसलिए अगर किसान इसकी खेती करते हैं तो चारा बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसमें खर्च भी बहुत कम आता है। नेपियर घास खेत में लगाने के लिए सबसे पहले जमीन की जुताई करें, फिर नालियाँ बनाकर उसमें कटिंग की रोपाई करें।
1 मीटर की दूरी पर कटिंग लगाई जा सकती है। शुरुआत में समय पर सिंचाई करें और खरपतवार निकालें। जैसे ही पौधा लग जाए, उसके बाद ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती। बीच-बीच में गोबर की खाद डालते रहें, इससे घास घनी और तेजी से बढ़ेगी।
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