भेड़-बकरी ठंड में नहीं होगी बीमार, वैज्ञानिकों ने बनाया विंटर प्रोटेक्शन शेड, जानिए कितना खर्चा आएगा

On: Wednesday, November 5, 2025 1:08 PM
विंटर प्रोटेक्शन शेड कैसे काम करता है

भेड़-बकरियों को ठंड से बचाने के लिए विंटर प्रोटेक्शन शेड बनाया गया है। आइए जानते हैं इसमें खर्च कितना आएगा और इसके फायदे।

भेड़-बकरियों को सर्दी में परेशानी

भेड़-बकरियों को सर्दी में बहुत ज़्यादा परेशानी होती है। इनके जो छोटे बच्चे होते हैं, वे जल्दी बीमार हो जाते हैं। निमोनिया की समस्या आ जाती है, और बड़े भेड़-बकरी भी सर्दी की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में पशुपालक को नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए सर्दी से बचाने के लिए पशुपालक कुछ-ना-कुछ जुगाड़ लगाते रहते हैं। इन्हीं मुश्किलों को समझते हुए वैज्ञानिकों ने एक विंटर प्रोटेक्शन शेड तैयार किया है, ताकि उन्हें सर्दी से बचाया जा सके। यह घर पर भी लगाया जा सकता है। तो आइए इसके बारे में जानते हैं।

विंटर प्रोटेक्शन शेड कैसे काम करता है

भेड़-बकरी जैसे छोटे पशुओं को सर्दी से बचाने के लिए विंटर प्रोटेक्शन शेड का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें अगर पशु रहेंगे तो उन्हें सर्दी नहीं लगेगी। यह शेड दोहरे तरीके से काम करता है यह ठंडी हवा को अंदर आने से रोकता है और अंदर के तापमान को संतुलित रखता है।

इस शेड की दीवार में जाली के पीछे प्लास्टिक की शीट लगाई जाती है, जिससे ठंडी हवा अंदर नहीं आ पाती। अंदर कुसन लगे होते हैं, जिससे गर्माहट बनी रहती है। लेकिन घुटन नहीं होती क्योंकि इसमें एग्जॉस्ट फैन भी लगे होते हैं, जो हवा के आवागमन को बनाए रखते हैं। इसमें पशु आसानी से रह सकते हैं। एक शेड में बकरी और उनके बच्चों का पालन किया जा सकता है। आइए, अब इसके खर्च के बारे में जानते हैं।

विंटर प्रोटेक्शन शेड में कितना खर्चा आएगा

अगर पशुपालक विंटर प्रोटेक्शन शेड लगवाना चाहते हैं, तो उन्हें इसके खर्च की जानकारी होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि इस शेड में लगभग ₹60,000 से ₹70,000 तक का खर्च आता है। हालांकि, खर्च कम करने के लिए लोहे की जाली के स्थान पर लकड़ी की जाली लगाई जा सकती है। इससे लोहे के खर्चे में कमी आएगी और काम भी चल जाएगा।

यह शेड काफी मजबूत होता है, जो कई सालों तक चलता है। इसलिए जो भी आप खर्च करेंगे, वह निकल आएगा। भेड़-बकरियों की कीमत अधिक होती है, तो अगर जान-माल की हानि से बचना चाहते हैं, तो सर्दियों में यह एक अच्छा विकल्प है। जो लोग बड़े पैमाने पर भेड़-बकरियों का पालन करते हैं, वे इसका इस्तेमाल बच्चों को रखने के लिए भी कर सकते हैं।

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