MP में धान, गेहूं और सरसों की खेती करने जा रहे किसानों के लिए ज़रूरी सूचना। चलिए बताते हैं, बरसात में क्या व्यवस्था करनी है और फसल की बुवाई कैसे करनी है।
MP के किसानों के लिए सलाह
MP में इस समय बेमौसम बारिश हुई है, जिसके कारण धान के किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। कुछ क्षेत्रों में धान के खेतों में पानी भर गया है, इसलिए सरकार द्वारा कुछ सलाह भी जारी की गई है। कई किसानों ने धान काटकर सरसों की बुवाई कर दी थी, उन फसलों को भी बारिश से नुकसान हो रहा है। तो चलिए, आपको बताते हैं धान, गेहूं और सरसों के लिए किसान कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा क्या सलाह दी गई है।
धान के किसानों के लिए सलाह
धान के किसानों के लिए सलाह यह है कि किसान धान के खेतों में बे-मौसम बारिश का पानी तुरंत निकाल दें। पानी निकालने की तत्काल व्यवस्था किसान भाई करें, नहीं तो नुकसान हो सकता है।

गेहूं के किसानों के लिए सलाह
गेहूं के किसानों के लिए सलाह यह है कि धान के खेत खाली होने के बाद वे गेहूं की बुवाई सुपरसीडर मशीन से करें। इससे कई फायदे होंगे और उत्पादन भी अधिक मिलेगा। किसानों को धान की पराली जलाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, पराली का प्रबंध हो जाएगा। इससे ईंधन और श्रम की बचत होगी। इस मशीन से जब खेतों में बुवाई होती है, तो पराली छोटे-छोटे टुकड़ों में कटकर जमीन में मिल जाती है, जो खाद का काम करती है। यानी, सीधे खेतों में बुवाई हो जाएगी।
सरसों के किसानों के लिए सलाह
सरसों के किसानों के लिए यह सलाह है कि अगर उन्होंने अभी सरसों की बुवाई कर दी है और खेत में पानी भर गया है, तो पानी निकालने की व्यवस्था करें। विभाग ने यह भी कहा है कि 10 नवंबर तक सरसों की बुवाई करें। इसके अलावा मटर, मसूर और चना की बुवाई किसान भाई 15 नवंबर तक कर सकते हैं। यानी अभी उनके पास समय है।

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