सरसों की रिकॉर्डतोड़ उपज के लिए नवंबर में लगाएं ये किस्म, कम निवेश में बरसेगा छप्परफाड़ पैसा, जाने उत्कृष्ट विशेषताएं

On: Thursday, October 30, 2025 1:00 PM
सरसों की रिकॉर्डतोड़ उपज के लिए नवंबर में लगाएं ये किस्म, कम निवेश में बरसेगा छप्परफाड़ पैसा, जाने उत्कृष्ट विशेषताएं

सरसों की ये किस्म में तेल की मात्रा अधिक होती है जिस कारण ये बाजार में ज्यादा डिमांडिंग होती है सरसों की इस किस्म की बुवाई नवंबर में कर सकते है। तो चलिए जानते है कौन सी किस्म है और उसके फायदे क्या है।

सरसों की रिकॉर्डतोड़ उपज देने वाली किस्म

सरसों की खेती किसानों के लिए कम निवेश में ज्यादा कमाई कराने वाली होती है इसकी खेती के लिए सबसे अच्छी क्वालिटी वाली वैरायटी का चयन करना सबसे जरुरी कार्य होता है आज हम आपको सरसों की एक सबसे चुनिंदा किस्म के बारे में बता रहे है।इस किस्म में जड़ के पास से ही तेज फुटाव होता है। ये किस्म सफेद रोली जैसे रोगों के प्रति सहिष्णु होती है। ये 40 से 42% तक उच्च तेल सामग्री प्रदान करती है। इसकी खासियत ये है की इसका तना मजबूत होता है और तेज हवाओं का सामना कर सकता है। और कटाई के समय इसके दाने फलियों से झड़ते नहीं भी नहीं है। सरसों की इस किस्म का नाम श्रीराम 1666  है ये सरसों की एक हाइब्रिड किस्म है। जो अधिक उत्पादन, चमकदार दाने और उच्च तेल मात्रा वाले दानों के लिए जानी जाती है।

सरसों की श्रीराम 1666 किस्म

सरसों की श्रीराम 1666 किस्म की बुवाई अक्टूबर नवंबर के माह में की जाती है। इसकी खेती के लिए अच्छी पानी धारण क्षमता वाली उपजाऊ हल्की-मध्यम दोमट मिट्टी सबसे सर्वोत्तम होती है। इसकी बुवाई से पहले खेत की अच्छी गहरी जुताई करना जरुरी होता है। इसकी लाइनों में करना बेहतर होता है। बुवाई के लिए प्रति एकड़ 1.5 से 2 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। इसकी खेती में गोबर की खाद, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश का संतुलित प्रयोग करना चाहिए। बुवाई के बाद सरसों की श्रीराम 1666 किस्म की फसल लगभग 125-130 दिन में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

सरसों की श्रीराम 1666 किस्म की उपज

सरसों की श्रीराम 1666 किस्म की खेती से बहुत अच्छी पैदावार के साथ तगड़ी कमाई देखने को मिलती है। एक एकड़ में सरसों की श्रीराम 1666 किस्म की खेती करने से लगभग 12 -14 क्विंटल तक हो सकती है। आप इसकी खेती से बहुत जबरदस्त कमाई कर सकते है ये कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए भी उपयुक्त है और कम सिंचाई में अच्छी पैदावार देती है। बाजार में इसका भाव ₹6000 से ₹8800 प्रति क्विंटल के बीच है।

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