गेहूं के खेतों में खरपतवार की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं? तो चलिए बताते हैं कि पैदावार बढ़ाने के लिए, खरपतवार उगने से कैसे रोकें।
गेहूं के खेत में खरपतवार से होने वाले नुकसान
गेहूं हो या कोई और फसल, खरपतवार उसको बहुत ज़्यादा प्रभावित करती है। अगर गेहूं की बात करें तो बता दें कि उत्पादन 30% तक घट सकता है अगर खेत में खरपतवार बहुत ज़्यादा हो। क्योंकि खरपतवार गेहूं के हिस्से का खाद, पानी, सूर्य की रोशनी सब कुछ लेने लगती है, जिससे गेहूं की फसल कमजोर होती है और उत्पादन घट जाता है। इसके अलावा, रोग और बीमारियाँ भी बढ़ती हैं। कई तरह की समस्याएं किसानों को देखनी पड़ती हैं। अगर किसान चाहते हैं कि वे गेहूं की फसल से खरपतवार निकाल दें, उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है, मज़दूर लगाने पड़ते हैं।
लेकिन अगर चाहते हैं कि गेहूं के खेत में खरपतवार उगे ही नहीं, और अगर उगे भी तो वह खुद ही सूख जाए, तो चलिए बताते हैं कि कौन-सा उपाय करना है और कौन-सी ऐसी दवा है जो गेहूं की फसल में खरपतवार उगने से रोक सकती है।

गेहूं में खरपतवार उगने से रोकने के लिए दवा
गेहूं में खरपतवार उगने से रोकने के लिए खरपतवारनाशी दवा पायरोक्सासल्फोन 85% डब्ल्यू.जी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे खरपतवार नहीं होंगे, और अगर कुछ उग भी जाती है तो वह खुद ही सिंचाई के समय सूख जाती है। इससे उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। गेहूं की फसल को संपूर्ण पोषण मिलेगा। जो भी आप खाद या पानी देंगे, वह सब कुछ गेहूं की फसल को ही मिलेगा। लेकिन इसके लिए इस खरपतवारनाशी का सही तरीके से इस्तेमाल करना होगा। तो आइए जानते हैं कि इसे खेत में किस तरीके से डालना है।
गेहूं की फसल में खरपतवारनाशी का इस्तेमाल कैसे करें
गेहूं की फसल में खरपतवारनाशी का इस्तेमाल करने के लिए किसानों को बुवाई के 72 घंटे बाद ही इसे खेतों में डालना है। इसमें पायरोक्सासल्फोन 85% डब्ल्यू.जी दवा का इस्तेमाल करते समय 250 लीटर पानी में 60 ग्राम दवा डालकर अच्छे से मिलाएं और फिर खेतों में छिड़कें। खेत में छिड़कते समय ध्यान रखें कि आप इसे मिट्टी के ऊपर छिड़क रहे हैं, तो बाद में मिट्टी के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न करें। मिट्टी की ऊपरी परत को पलटें नहीं, बल्कि सावधानी से छिड़काव करें।
क्योंकि यह मिट्टी के ऊपर एक परत बनाती है और खरपतवार को उगने से रोकती है। अगर मिट्टी की परत पलट जाती है, तो खरपतवार उग सकते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि मिट्टी की ऊपरी परत बनी रहे, टूटे नहीं। जब छिड़काव करें तो साइड की तरफ से चलें और पीछे की ओर छिड़काव करें, या अपनी सुविधा के अनुसार जिस तरह चाहें छिड़कें। बस जब आप मिट्टी में इस दवा का छिड़काव कर देते हैं, तो उसके बाद मिट्टी को पलटें नहीं।

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