आज हम सफलता की कहानी में लेकर आए हैं रांची के किसान शक्ति जी की कहानी, जिन्होंने लाह की खेती से बंपर कमाई की है।
शक्ति जी का परिचय
शक्ति झारखंड की राजधानी रांची में रहते हैं। एक समय था जब उनके पास स्कूल फीस भरने के लिए भी पैसे नहीं थे। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, पर आज अपनी लगन और मेहनत से उनके पास किसी चीज की कमी नहीं है। वे लाह की खेती से करोड़ो में कमा रहे हैं।
लाह की खेती कैसे करते हैं
लाह की खेती के लिए कुसुम और बेर जैसे बड़े पेड़ों की जरुरत होती है, जो शक्ति जी के पास नहीं हैं। इसके लिए वे दूसरे शहर में जाकर सर्वे करके थे कि ये पेड़ कहाँ और किनके पास है। फिर पेड़ के मालिक के साथ बात कर कॉन्ट्रैक्ट तय होती हैं। यह कॉन्ट्रैक्ट 3 साल तक का होता है।
लाह एक कीड़ा होता है, जो कि पेड़ों पर लगाया जाता है। यह पेड़ों पर धीरे धीरे फैलता है। यह पहले पेड़ों की टहनियों पर फिर जड़ों तक फैलता है। एक पेड़ 4 महीने में तैयार हो जाता है। वे साल में दो बार खेती करते हैं। एक बार जनवरी और दूसरी बार जून में। जो साल के अंत तक तैयार हो जाती है।
साल में 3 करोड़ से अधिक का टर्नओवर
लगभग 20 सालों से वह ये काम कर रहे हैं। उनका लाह का बिजनेस 10 से अधिक राज्यों में फैला है। उनके कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से 30-40% प्रॉफिट का हिस्सा उन्हें मिलता है। लाह के एक पेड़ से एक क्विंटल तक लाह निकलती है,जिसकी कीमत ₹800 से ₹900 प्रति किलो होती है। कभी कभी एक पेड़ से 1 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है।
लगभग 1000 से ज्यादा पेड़ उनके पास कॉन्ट्रैक्ट में होते है, जिससे एक साल में 4 करोड़ तक का टर्नओवर हो जाता है। उन्होंने अपनी लगन और मेहनत से लाह के व्यापार को इतनी दूर तक पहुँचा दिया है।
उनकी सफलता ये दर्शाती है कि आपके पास जमीन हो या न हो, पैसा हो न हो, सही दिशा में खेती करने से सफलता मिलना तय होता है,बस एक अडिग विश्वास अपने ऊपर होनी चाहिए।
नमस्कार! मैं पल्लवी मिश्रा, मैं मंडी भाव से जुड़ी ताज़ा खबरें लिखती हूं। मेरी कोशिश रहती है कि किसान भाइयों को सही और काम की जानकारी मिले। ताकि आप अपनी फसल सही दाम पर बेच सकें। हर दिन के मंडी भाव जानने के लिए KhetiTalks.com से जुड़े रहिए।













