प्याज की खेती बहुत लाभदायक होती है इसकी फसल में अच्छी उपज के लिए फसल में पोषक तत्व की सही से पूर्ति करना आवश्यक होता है। तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
प्याज की फसल में सड़न की समस्या होगी खत्म
प्याज की खेती में गलन की समस्या खेत में पानी के भराव की वजह से होती है। जिस कारण प्याज के कंद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इसलिए खेत में जल निकासी की व्यवस्था अच्छी बनानी चाहिए। प्याज में सड़न की समस्या से फफूंद और रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में फसल को फंगल संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों से बने घोल के बारे में बता रहे है जिसका छिड़काव प्याज की फसल में जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से प्याज के कंद की गुणवत्ता भी बढ़ती है और उपज अच्छी मिलती है।

200 लीटर पानी में ये मिलाकर करें स्प्रे
प्याज की फसल में छिड़काव के लिए हम आपको ट्राइकोडर्मा, गुड़ और बेसन से बने घोल के बारे में बता रहे है। ये घोल एक फंगीसाइड के रूप में काम करता है क्योकि ट्राइकोडर्मा एक उत्कृष्ट कवकनाशी है जो फसल को फफूंदजनित रोगों जैसे जड़ सड़न, उखटा और पत्ती धब्बा से बचाता है। गुड़ और बेसन प्याज की फसल की गुणवत्ता और मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों को बढ़ाता है ये घोल पौधों के लिए पोषक तत्वों की उपलब्धता में सुधार करता है और कंदों को सड़न से बचाने में मदद कर सकता है। इस घोल का उपयोग प्याज की खेती में जरूर करना चाहिए।
कैसे करें प्रयोग
प्याज की फसल में ट्राइकोडर्मा, गुड़ और बेसन से बने घोल का इस्तेमाल करने के लिए 180-200 लीटर पानी में 2 किलो ट्राइकोडर्मा, 2 किलो गुड़ और 1 किलो बेसन को डालकर लकड़ी की मदद से अच्छे से घोलना है और 4 दिनों के लिए छांव वाली जगह पर रख के छोड़ देना है। फिर सिंचाई के समय इसे सिंचाई वाले पानी में मिलाकर फसल में छिड़काव करना है। ऐसा करने से फंगल रोग प्याज में नहीं लगेंगे और कंद का साइज मोटा होगा और गुणवत्ता बेहतर होती है।

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