किसान भाइयों, इस लेख में जड़ वाली फसल की खेती की जानकारी दी जा रही है, जिसे चार बीघा में लगाकर 2.5 लाख कमा सकते हैं।
जड़ वाली फसल की खेती
किसान भाइयों अगर धान-गेहूं के अलावा नई दूसरी फसलों की तलाश में हैं तो मेंथा की जड़ की खेती भी कर सकते हैं। इसमें कई किसानों को फायदा हो रहा है। एक किसान ने बताया कि यह जबरदस्त डिमांड में है। औषधि कंपनियां इसकी बहुत ज्यादा मांग कर रही हैं। इस फसल में किसान को चार बीघा के अंतर्गत 2.5 लाख का मुनाफा इस साल हो सकता है।
उन्होंने बताया कि ₹25,000 के खर्चे से चार बीघा की जमीन में 50 क्विंटल उत्पादन मिल सकता है। इस तरह, अगर एक बीघा में भी किसान मेंथा की जड़ की खेती करते हैं तो 62,000 से ज्यादा की कमाई कर सकते हैं वो भी सिर्फ ₹5,000 के खर्चे में। क्योकि इसकी कीमत 4 से 5 हजार रु क्विंटल है। लेकिन कीमत घटने पर मुनाफा नहीं होता।

खेती का तरीका और लगने वाला समय
मेंथा की जड़ की खेती करते हैं तो इसमें ज्यादा कोई मुश्किल नहीं आएगी। बस एक बार खेत की अच्छे से तैयारी करनी है और गोबर की पुरानी खाद मिलानी है। फिर खेत तैयार होने के बाद इसका पौधा लगाया जाता है। फरवरी से मार्च के बीच इसे लगा सकते हैं।
1 फीट की दूरी में पौधे लगाएं, जिससे जड़ों का विकास अच्छे से हो। इसकी खेती में लगने वाले समय की बात करें तो यह 4 से 5 महीने की फसल है, जिसके बाद जड़ें मोटी हो जाती हैं। फिर से खोदकर किसान इसकी बिक्री कर देते हैं। मेंथा की खेती 15 जनवरी से 15 फरवरी के बीच में कर सकते हैं। देर से बुवाई करने पर उत्पादन कम मिल सकता है। 1 एकड़ में 4 से 5 क्विंटल जड़ों की जरूरत पड़ती है।
इस चीज का इस्तेमाल किसमें होता है
मेंथा की जड़ का इस्तेमाल कई चीजों में किया जाता है। जिसमें औषधीय रूप से मेंथा की जड़ अधिक इस्तेमाल में आती है। इसके अलावा एक नई फसल लगाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द और पाचन की समस्या में इससे राहत मिलती है। इस लिए ग्राहक खेतो तक आ जाते है।

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