विदेश की नौकरी छोड़कर खेती में रखा कदम, प्राकृतिक खेती से सालाना 15 लाख का टर्नओवर 

On: Friday, October 17, 2025 2:27 PM
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आज हम बात करेंगे हिमाचल के रहने वाले किसान मोहन सिंह जी की, जो प्राकृतिक खेती से सालाना 15 लाख तक कमा रहे हैं । 

कौन हैं मोहन सिंह जी ?

मोहन सिंह हिमाचल के कांगड़ा जिले के रहने वाले हैं। वे विदेश सऊदी अरब और क़तर में काम करते थे। पैसे कमाने के लिए अपने देश से दूर रहना पड़ रहा था, पर उनका मन  हमेशा अपने देश जाकर कुछ करने का करता था। उन्होंने विदेश में देखा कि इंडिया के प्राकृतिक उत्पाद अच्छे दाम पर बिकते हैं, जिसके बाद उन्होंने इंडिया जाकर अपना खुद का कुछ करने का सोचा। 

प्राकृतिक खेती की शुरुआत कैसे की 

वे नौकरी छोड़कर अपने गाँव आ गए। वहाँ उन्होंने खेती करने का मन बनाया। उनके आसपास के किसान रसायन युक्त खेती कर रहे थे, तो उन्होंने भी खेती की शुरुआत में रसायन का इस्तेमाल किया, जिससे उत्पादन तो अच्छे हुए पर खर्च बहुत ज्यादा आए। फिर उन्होंने प्राकृतिक खेती के बारे में अच्छे से जानकारी ईकठा की। जिसके बाद उन्होंने प्राकृतिक खेती की शुरुआत की। 

प्राकृतिक खेती खेती के बहुत सारे फायदे हैं । इसमें खर्चा कम आता, फसल ज्यादा समय तक ख़राब नहीं होते, मिट्टी भी उपजाऊ रहती और इंसान के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी होता है। उन्होंने अपने खेत में जीवामृत और दशपर्णी अर्क का प्रयोग किया, जिसका असर यह हुआ कि फसलों की गुणवत्ता पहले से बेहतर हुई और फसलों पर कीड़े नहीं लगे, जिससे उनके फसलों का उत्पादन बहुत बढ़ गया। 

वे अपने खेत में खीरा, फ्रेंच बीन, गोभी, मटर, टमाटर, मूली, शलगम, धनिया, पालक और बहुत सारी सब्जियों की खेती करते हैं। वे फलों की भी खेती करते हैं। उन्होंने अपने आम के बाग और बाकी फलों की खेती में भी प्राकृतिक खेती को अपनाया है। जिससे उनके फसलों के गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में सुधार आया है। 


FPO से जुड़कर 5 एकड़ से 15 लाख की आमदनी कर रहे हैं

प्राकृतिक खेती में उत्पाद लंबे समय तक ख़राब नहीं होता हैं, जिससे उन्हें दूसरे शहर भेजने में आसानी होती हैं क्योंकि वे जल्दी ख़राब नहीं होते। मोहन सिंह फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन से भी जुड़े हैं। इसकी सहायता से वे अपने फसलों को दूसरे बड़े बाजार तक पहुंचाते हैं। 

प्राकृतिक रूप से उपजाए होने के कारण इनके फसलों की डिमांड मार्केट में बहुत रहती है। उनके फसल विदेश तो नहीं ,पर चंडीगढ़ और दिल्ली के मार्केट तक जाते हैं। अपने शहर के अलावा उनके फसल दूसरे मार्केट तक जाते हैं, जिससे उनकी आमदनी दोगुनी हो गई  है। 

वे अपने 5 एकड़ जमीन में खेती करते हैं , जिसमें उन्हें प्रति एकड़ 6 हज़ार का खर्च आता है, और उनकी सालाना आमदनी 15 लाख तक हो जाती है। उनकी इस सफलता को देखकर उनके आसपास के किसान भी प्राकृतिक खेती करने लग गए हैं । 

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