गेहूं की ज्यादा उत्पादन देने वाली वैरायटी की तलाश में हैं या सस्ते बीज चाहिए, तो चलिए यह दोनों जानकारी इस लेख के माध्यम से दी जाएगी।
गेहूं की खेती
रबी सीजन में कई किसान गेहूं की खेती करने जा रहे हैं। गेहूं को सरकार एमएसपी पर खरीदी भी करती है, इसलिए किसानों को उचित दाम भी मिल जाता है। गेहूं की खेती से कई किसान वर्षों से जुड़े हैं, इसलिए आसानी से किसान गेहूं की खेती कर पाते हैं।
इस साल अगर कोई ज्यादा उत्पादन देने वाली वैरायटी लेना चाहते हैं, तो चलिए यहां पर पांच टॉप किस्मों की जानकारी देंगे। लेकिन इसके अलावा खाद, उर्वरक भी सही समय पर और सही मात्रा में देना है, सिंचाई का ध्यान रखना है, समय-समय पर फसल का निरीक्षण करना है, रोग-बीमारी आने पर उसका नियंत्रण करना है।
जैविक खाद के साथ-साथ रासायनिक खाद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ज्यादा उत्पादन लेने के लिए जमीन की तैयारी करते समय सड़ी हुई गोबर की खाद डालें। डीएपी का इस्तेमाल फास्फोरस के लिए जरूर करें। अगर डीएपी नहीं मिलती है, तो उसकी जगह पर एनपीके 12:32:16 डाल सकते हैं, जो कि ₹1700 या ₹1750 में मिल जाती है।

गेहूं की बढ़िया वैरायटी
यहां पर गेहूं की पांच अच्छी वैरायटी की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसमें कावेरी KW-51 एक अच्छी वैरायटी है। इसके गेहूं खाने में अच्छे होते हैं, रोटी इसकी स्वादिष्ट होती है, उत्पादन भी बढ़िया मिलता है। इससे किसान 30 -35 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन ले सकते है।
महिको 6655 गेहूं की एक और अच्छी वैरायटी है। इसकी फसल ऊंची होती है और ज्यादा बालियों के साथ अधिक दानों वाली होती है, जिससे पैदावार ज्यादा मिलती है। महिको MWL 6655 गेहूं की औसत उपज प्रति एकड़ 24-25 क्विंटल है। श्रीराम सुपर 252 गेहूं की एक बेहतरीन वैरायटी है। इसका चयन भी करके ज्यादा उत्पादन ले सकते हैं। इससे किसान प्रति एकड़ 22 से 25 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते है। राशि प्रबल और राशि सरताज भी गेहूं की अच्छी वैरायटी हैं।
गेहूं के सस्ते बीज कहां मिलेंगे?
कई छोटे किसान भी होते हैं, जिन्हें खेती के खर्चे निकालना मुश्किल होता है। तो अगर गेहूं सस्ते में लेना चाहते हैं, तो इसके लिए किसी कृषि विज्ञान केंद्र में संपर्क कर सकते हैं। वहां सस्ते में अच्छी वैरायटी के गेहूं के बीज मिल जाते हैं, जिनसे अच्छा उत्पादन भी मिलता है।
इसके अलावा, किसान गेहूं के बीज का खर्चा बचाने के लिए पुरानी वैरायटी का दोबारा उपयोग कर सकते हैं। जैसे कि अगर आपने पिछले साल जो वैरायटी लगाई थी, वही इस साल भी लगा सकते हैं। क्योंकि किसान एक वैरायटी के साथ दो से तीन साल तक खेती कर सकते हैं। इसमें उन्हें ही फायदा होता है।
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