आज हम बात करेंगे लक्ष्मण कुशवाहा जी की जिन्होंने पारंपरिक खेती छोड़कर फूलों की खेती की और रुख लिया है। जिससे वो सालाना 5 लाख तक कमा रहे हैं।
कौन हैं लक्ष्मण कुशवाहा
लक्ष्मण कुशवाहा मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने 10वीं तक की पढाई की है। उनके पिता अपने खेत में पारंपरिक फसलें जैसे सोयाबीन, गेहूं,धान और सब्जियां लगाया करते थे। पर इन सबकी खेती से घर तो चल जाता था पर ज्यादा पैसे बच नहीं पाते थे। लक्ष्मण ने 10वीं की पढाई करने के बाद खेती में आने का सोचा, जिसके बाद उन्होंने खेती करनी शुरू कर दी।
फूलों की खेती की शुरुआत कैसे की
वो अपनी सब्जी की खेत में बचे हुए जगह पर गेंदे के फूल लगा दिए। फूल जब तैयार हो गए तब उन्होंने उसे मंडी में जाकर बेचा तो अच्छे भाव मिले। जिसके बाद उन्होंने देखा कि फूलों की खेती में अच्छी आमदनी हो सकती है। हालांकि उनका गाँव सब्जियों की खेती के लिए जाना जाता है, पर उन्होंने सोच लिया कि वो अब फूलों की खेती ही करेंगे।
जब खेती की शुरुआत की तो लोगों ने सराहा नहीं, पर उन्होंने ज्यादा कुछ सोचे बिना फूलों की खेती शुरू कर दी । उन्होंने अपने खेत में गेंदे के फूल लगाए। वे अपने खेत में गेंदे की चार वैरायटी लगाए। जैसे गेंदा की पूसा संतरा, पूसा वासंती, नारंगी और बिजली। इन वैरायटी में उपज ज्यादा होती है।
उन्होंने देखा फूलों की डिमांड त्योहारों और लगन के समय ज्यादा होती है, इसलिए उन्होंने त्यौहार आने के कुछ महीने पहले फूल लगा देते हैं जो उस समय तक तैयार हो जाती हैं। बागवानी फसलों को यही फ़ायदा है कि इसमें समय कम लगता और मुनाफा भी अच्छा हो जाता है।
आधे बीघा से 4 बीघा का सफर
उन्होंने फूलों की खेती की शुरुआत आधे बीघे से की थी, पर उनकी मेहनत और लगन से उनका फूलों का कारोबार अच्छा चल गया, जिससे उन्होंने अपनी खेती का क्षेत्र बढ़ाकर 4 बीघा कर लिया है। फूलों की खेती के अलावा वो फूलों की माला भी बेचते हैं। उन्होंने अपनी खेती को व्यवसाय के रूम में कर रहे हैं जिससे उन्हें 5 लाख की सालाना आमदनी हो रही है। इतनी आमदनी उन्हें पारंपरिक फसलों में नहीं हो रही थी।
उनकी ये सफलता देखकर उनके आसपास के किसान भी फूलों की खेती करना शुरू कर दिए हैं, जिससे उन्हें भी अच्छी आमदनी हो रही है। अभी के युवा किसान खेती को लेकर बहुत जागरूक हो गए हैं। नई फसलों को चुनने से घबराते नहीं, जिससे वे किसानों को खेती में नए रास्ते पर चलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
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