अधिकतर किसानों की धान की फसल में बालियां आ ही चुकी है और फसल अब कटाई के नजदीक है। लेकिन अभी भी कुछ धान की बालियों में इस खतरनाक कीट का आतंक नजर आ रहा है इस कीट से बचाव के लिए किसानों को सतर्क और सावधान रहना होगा। जिससे कटाई के आखरी चरण में भी धान की फसल में कीट का प्रकोप न पड़े और उत्पादन जबरदस्त होए।
धान का दुश्मन है ये कीट
कुछ किसानों की धान की फसल में भूरा फुदका नामक कीट का बहुत आतंक मचा हुआ है। ये कीट धान के पौधे का रस चूसकर उसे पीला और फिर भूरा कर देता है जिससे पौधे मर भी जाते है इस कीट के नियंत्रण के लिए खेतों में पानी का स्तर कम नहीं होने देना है खासकर भूरा फुदका का प्रकोप तब अधिक होता है जब खेत सूखे या कम पानी वाले हों। इस कीट को कुछ लोग हॉपर बर्न भी करते है। इसकी रोकथाम के लिए हम आपको एक बहुत जबरदस्त कीटनाशक के बारे में बता रहे है। यो आइये उसके बारे में विस्तार से जानते है।

बचाव के लिए तुरंत करें ये छिड़काव
धान की फसल को भूरा फुदका कीट से सुरक्षित रखने के लिए हम आपको पाइमेट्रोजिन 50% WG कीटनाशक के बारे में बता रहे है एक चयनात्मक उत्कृष्ट कीटनाशक है जो धान की फसल को भूरा फुदका, एफिड्स, व्हाइटफ़्लाइज़ और ब्राउन प्लांट हॉपर जैसे रस-भक्षी कीटों से सुरक्षित रखता है। ये कीटों के तंत्रिका तंत्र पर कार्य करता है जिससे उन्हें भोजन करना बंद करने और भूख से मरने का कारण बनता है। आपको बता दें इसका छिड़काव शुरुआती कीट लगने की अवस्था में करना लाभकारी साबित होता है लेकिन फसल को कीट पूरी तरह नुकसान पहुंचा चुके है तो दवाई छिड़कने का कोई फायदा नहीं होता है। इसलिए अगर जरा भी कीट के लक्षण दिखाई दें तुरंत नियंत्रण के उपाय करना है। इसका छिड़काव सुबह के समय करना उचित होता है। इसका उपयोग करने से पहले उत्पाद के लेबल पर दी गई निर्धारित मात्रा को पढ़कर फिर उपयोग करना उचित होता है।

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