आज हम बात करेंगे हिमाचल के रहने वाले मनदीप वर्मा जी की जिन्होंने विप्रो की अच्छी नौकरी छोड़ कर खेती को चुना। जिससे आज वो साल का 50 लाख तक कमा रहे हैं। और दूसरों को भी रोजगार दे रहे है।
कौन हैं मनदीप वर्मा
मनदीप वर्मा हिमाचल प्रदेश के सोलन के रहने वाले हैं। उन्होंने MBA किया जिसके बाद वो विप्रो कंपनी में अच्छी पोस्ट पे नौकरी करते थे। पर उन्होंने नौकरी छोड़कर खेती को चुना। कॉर्पोरेट में पैसा तो होता लेकिन सुकून वाला जीवन नहीं। सुकून की तलाश में उन्होंने खेती को अपना करियर चुना जिसमें वो अपने हिसाब से काम करें और पैसे के साथ सुकून की जिंदगी गुजार सके।
उन्हें खेती तो करनी थी पर वो खेती में परंपरागत फसल को लेकर खेती नहीं करना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने हिमाचल के वातावरण के हिसाब से कौन सी फसल की खेती करनी सही रहेगी इसकी खोज शुरू कर दी। आइए जानते हैं उन्होंने कौन सी फसल चुनी।
कृषि वैज्ञानिकों के सहायता से कीवी की खेती की शुरुआत की
उन्होंने अपने अध्यन की शुरुआत हिमाचल के वातावरण के बारे में जानने से की। जिसके बाद उन्होंने सोलन के बागवानी विभाग और डॉ. यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों से बात किया। वहाँ के वैज्ञानिकों ने उन्हें बागवानी फसलों की खेती करने की सलाह दी। उनके सलाह को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बागवानी फसल के अंदर हिमाचल के वातावरण को जानते हुए कीवी की खेती को चुना। कीवी फल विटामिन C, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो इम्यूनिटी और पाचन दोनों के लिए अच्छा माना जाता है। साथ ही, कीवी की मार्केट में भी अच्छी डिमांड है क्योंकि यह सुपरफूड माना जाता है और इसकी मांग शहरों, होटलों व एक्सपोर्ट मार्केट में तेजी से बढ़ रही है।
उनकी जमीन बंजर पड़ी थी जिसकी वजह से शुरुआत में बहुत मुश्किलें आईं। पर उन्होंने उस बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया जिश्मे उन्हें लाखों का खर्चा आया फिर उसी जमीन पर कीवी की खेती की शुरुआत की। उनके अगल-बगल के किसान केमिकल युक्त खेती कर रहे थे पर उन्हें अपने कीवी की फसल को जैविक ढंग से उगाना था। जिसके लिए उन्होंने वैज्ञानिकों से सलाह ली जिस पर उन्होंने उन्हें सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के बारे में बताया। फिर उन्होंने इस विधि को अपना कर बिना केमिकल के कीवी की खेती की शुरुआत की। उन्होंने देशी गाय के गोबर और पेड़-पौधे की पत्तियों से बने इनपुट्स को अपने खेत में इस्तेमाल किया। जिसका असर उनके खेत में दिखने लगा और उनकी कीवी की खेती सफल साबित होने लगी।
स्वास्तिक फार्म नाम से खुद का वेबसाइट खोला

मनदीप वर्मा अपने फार्म में दो तरह की कीवी की खेती कर रहे हैं। एक एलिसन और दूसरी हेवर्ड। इनका स्वाद बहुत अच्छा निकल के आया क्योंकि ये जैविक ढंग से उपजाई गई हैं। एक तो कीवी जो कि इतना फायदे वाला होता, दूसरा पूरी तरह से जैविक और तीसरा स्वाद में बढ़िया तो भला मार्केट में इसकी डिमांड तो होगी ही।
उनके फार्म में 700 से ज्यादा पौधे हैं जिनमें से 7 से 8 टन फसल निकलती है। उनकी कीवी 400 रुपए किलो तक बिकती है। कीवी की खेती की सफलता के बाद उन्होंने सेब की भी जैविक खेती की शुरुआत कर दी। उनकी फार्म में कुल लागत 20 हजार रूपए तक हो जाती है। और उनकी सालाना टर्नओवर 50 लाख के आसपास पहुंच गई है। उन्होंने अपने फार्म में लोगों को रोजगार भी दिए हैं और लोगों को जैविक ढंग से खेती करने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं।
फार्म से सीधे कस्टमर तक पहुंचने के लिए उन्होंने अपना वेबसाइट भी बना रखा है। जिससे उनका मार्केट का खर्च भी बच जाता और ताजे फल सीधे कस्टमर तक पहुंच जाते हैं।
उनकी सफलता की कहानी युवाओं और हर एक इंसान को ये प्रेरणा देती है कि अगर मन में किसी चीज को करने की इच्छा है तो उस चीज को अपनी मेहनत, अपनी अध्यन और लगन से संभव किया जा सकता है। बंजर जमीन को उपजाऊ बना कर सफल खेती किया जा सकता बस अपने पर विश्वास रखने की जरूरत होती है।
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