धान की खेती में सही समय पर और संतुलित मात्रा में खाद देने से उत्पादन में चार चाँद लग जाते है धान की खेती में अब आखिरीबार खाद देने का समय आ चूका है। तो चलिए इसके बारे में तनिक विस्तार से जानते है।
धान के उत्पादन में लग जाएं चाँद
धान की खेती में अच्छा उत्पादन लेने के लिए पहले पौधों को पोषण से भरपूर खाद देना पड़ता है और खाद सही मात्रा में सही समय पर देना उचित माना जाता है। धान की खेती में किसान शुरुआत में अच्छे से खाद देंदें और आखिरी खाद की टॉप ड्रेसिंग सही कर दें तो धान की उपज में सीधा बहुत शानदार प्रभाव पड़ता है। धान की असल में आखिरी खाद बाली निकलने से ठीक पहले या या पुष्पगुच्छ आरंभ चरण में डालना चाहिए जिससे धान की बालियों में दाना अच्छा से भराता है और दानों की गुणवत्ता बढ़ती है।

धान की फसल में ऐसे डालें आखरी खाद
धान की फसल में टॉप ड्रेसिंग में मुख्य रूप से पोटाश और जिंक सल्फेट देना चाहिए। इस चरण में पौधे को दाना बनने के लिए पोटाश और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। दानों के विकास और गुणवत्ता के लिए पोटाश का इस्तेमाल बहुत जरुरी होता है। साथ ही ये बाली को मजबूत बनाने में मदद करता है। अगर मिट्टी में जिंक की कमी है तो जिंक सल्फेट का छिड़काव भी जरूर करना चाहिए।
कैसे करें प्रयोग
धान की फसल में टॉप ड्रेसिंग के लिए प्रति एकड़ पोटाश करीब 15 से 20 किलो की मात्रा में छिड़काव कर सकते है मिट्टी में जिंक या सल्फर की कमी को पूरा करने के लिए जिंक सल्फेट 10-12 किलो और जिप्सम करीब 40 किलो प्रति एकड़ डालना फायदेमंद होता है। छिड़काव करने से पहले खेत में नमी होना चाहिए। इसलिए हल्की सिंचाई के बाद खाद डालने से पोषक तत्व मिट्टी में अच्छी तरह मिल जाते है और पौधों की जड़ों तक पहुंचते है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।

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