धान की फसल को वायरस के अटैक से बचाने के लिए फसल की देखभाल और उचित कीटनाशक का प्रबंध करना आवश्यक होता है। तो चलिए इसके बारे में आपको विस्तार से बतातें है।
धान की फसल पर Virus का Attack
धान की फसल की ऊंचाई लगभग 3 से साढ़े 3 फीट हो चुकी है बालियों में दाना भी भर रहा है लेकिन अब किसानों की चिंता बढ़ रही है क्योकि धान की फसल में वायरस का अटैक काफी देखने को मिल सकता है धान की फसल ब्लैक स्टिक नामक वायरस से प्रभावित हो रही है। ये वायरस धान में काले धारी उत्पन्न करता है। इस वायरस के कारण तने और पत्तियों पर काले धारियाँ, बौना बढ़ना, फूल न बनना आदि लक्षण दिख सकते है। इसके शुरुआती चरण में तने या पत्तियों पर काले धब्बे दिखने लगते है। अगर फसल में इसके लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नियंत्रण के उपाय करना चाहिए और कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करना चाहिए और उनकी सलाह लेना चाहिए।

बचाव के उपाय
धान की फसल में ब्लैक स्टिक नामक वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए और फसल को बचाने के लिए खेत में अधिक नमी नहीं रखनी चाहिए और जल निकासी पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोग को नियत्रिंत करने के लिए उसके आधार पर विभिन्न फफूंदनाशकों का प्रयोग किया जा सकता है जैसे की प्रोपिकोनाजोल, कार्बेन्डाजिम, या ट्राइसाइक्लाजोल का छिड़काव कर सकते है। इसके अलावा फसल को बढ़िया पोषण और उचित उर्वरक देना चाहिए। दवाओं का छिड़काव सुबह के बजाय शाम को करें। क्योंकि सुबह के समय करने से दाने काले हो सकते है। संक्रमित पौधों को नष्ट करें ताकि रोगजनकों का स्रोत न बचे जिससे फसल सुरक्षित रहेगी।

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