शहरों में छत पर बागवानी करने के लिए, चाहे वह गमलों में हो या फार्मिंग बेड पर, सरकार 75% तक अनुदान दे रही है।
छत पर बागवानी योजना
इस समय शहरों में लोग अपनी छतों पर बागवानी कर रहे हैं। वे अपने खाने के लिए हरी सब्ज़ियां उगा लेते हैं, जो कि एक बहुत अच्छा विकल्प है। इससे कई तरह के फायदे होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने प्रदेश के लोगों को इस योजना से अवगत कराया है। इस योजना का नाम ‘छत पर बागवानी योजना’ है। इसके अंतर्गत गमले और फार्मिंग बेड की व्यवस्था की जाएगी, जिससे शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ेगी।
इससे न केवल ताज़ा और जैविक फल-सब्ज़ियां मिलेंगी, बल्कि हरी सब्ज़ियों का खर्च भी बचेगा और मानसिक शांति भी मिलेगी।बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के लिए 3 करोड़ 17 लाख रुपए की राशि निर्धारित की गई है। शुरुआत में इसे कुछ नगर निगमों में लागू किया जाएगा।

योजना के अंतर्गत मिलने वाली वित्तीय सहायता
छत पर बागवानी योजना के तहत दो तरह की सब्सिडी दी जा रही है—
- गमला योजना: इस योजना के अंतर्गत प्रति इकाई 30 गमले और पौधे लगाने के लिए लगभग ₹10,000 का खर्च अनुमानित है। इसमें 75% यानी ₹7,500 तक की सब्सिडी मिलेगी।
- फार्मिंग बेड योजना: इसमें एक इकाई की लागत ₹60,000 तक बढ़ाई गई है, जिसमें 75% यानी ₹45,000 तक की सब्सिडी दी जाएगी। इससे लाभार्थियों को भारी आर्थिक सहायता मिलेगी।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ?
‘छत पर बागवानी योजना’ के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। इस योजना का लाभ मिलने पर लाभार्थियों को दो किस्तों में राशि दी जाती है पहली किस्त में 90% और दूसरी किस्त में 10%।
योजना का लाभ ऑनलाइन लेने के लिए राज्य के उद्दान विभाग या बागवानी मिशन की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहीं, पात्रता की जांच भी वेबसाइट पर की जा सकती है। जरूरी दस्तावेज़ पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की प्रति, पासपोर्ट साइज फोटो आदि।
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