सुगंध के मामले में बासमती भी फेल है इस प्रीमियम क्वालिटी वाले चावल के आगे, स्वाद और सेहत का कॉम्बो पैक, जाने नाम

On: Sunday, September 21, 2025 9:00 PM

धान की ये किस्म बहुत उत्तम क्वालिटी वाली होती है इसकी खुशबू बहुत ज्यादा होती है। इसलिए इसकी मांग भी बाजार में बहुत देखने को मिलती है।

बासमती भी फेल है इस प्रीमियम क्वालिटी वाले चावल के आगे

चावल की ये किस्म व्यावसायिक रूप से खेती के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है इसकी मांग बाजार में बहुत बनी रहती है क्योकि ये किस्म का चावल शुगर फ्री होता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिससे यह डायबिटीज के रोगियों के लिए सुरक्षित माना जाता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी मौजूद होते है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होते है। इस चावल का उपयोग पारंपरिक व्यंजनों जैसे पुलाव, बिरयानी, खीर, और मिठाई बनाने के लिए किया जाता है। हम बात कर रहे है जोहा धान किस्म की ये भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम की एक सुगंधित, प्रीमियम और छोटे दाने वाली चावल की किस्म है ये किस्म अपने उत्कृष्ट स्वादिष्ट स्वाद और स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाती है।

जोहा धान की खेती

जोहा धान किस्म की खेती बहुत लाभकारी होती है ये किस्म सर्दियों की फसल के रूप में उगाई जाती है। इसकी खेती बहुत आसान होती है इसकी खेती में सबसे खास बात ये है की इसकी खेती जैविक विधि से करनी चाहिए। इसकी खेती के लिए अच्छी जलधारण क्षमता वाली मटियार, चिकनी या मटियार-दोमट मिट्टी अति उत्तम मानी जाती है। इसकी बुवाई से पहले खेत की जुताई करना चाहिए और मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालना चाहिए। जिससे मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरता बढ़ती है। बुवाई के बाद जोहा धान किस्म की फसल को तैयार होने में लगभग 120 से 160 दिनों का समय लगता है।

कितना होगा उत्पादन

जोहा धान किस्म की खेती से बहुत जबरदस्त उत्पादन देखने को मिलता है ये किस्म मार्केट में महंगी बहुत बिकती है एक हेक्टेयर में जोहा धान किस्म की खेती करने से लगभग 35-40 क्विंटल की उपज होती है ये सेहतमंद और शुगर-फ्री धान है जिसकी बाजार में मांग दिन प्रति दिन बढ़ रही है। इसकी खासियत ये है की ये पारंपरिक धान की तुलना में जोहा धान 20% अधिक उत्पादन देता है। जिससे आय में दोगुनी वृद्धि होती है।

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