सितंबर के अंतिम सप्ताह तथा अक्टूबर के शुरुआती सप्ताह में कोई कम अवधि की फसल लगाना चाहते हैं, तो चलिए यहां पर कम खर्चे में ज्यादा आमदनी देने वाली फसल की जानकारी देते हैं।
सितंबर-अक्टूबर में खेती
इस समय कई किसानों के खेत अलग-अलग कारणों से खाली पड़े हैं, जिसमें कुछ किसानों के खेत की फसल तैयार हो गई है, तो कुछ किसानों की फसल बारिश के कारण खराब हो चुकी है। जिससे वह अब दूसरी फसल लगाने जा रहे हैं। तो ऐसे में यहां पर आपको एक छोटी अवधि की फसल बताने जा रहे हैं, जो कि लगभग 35 से 45 दिन के बीच में तैयार हो जाती है। बाजार में डिमांड में रहती है, इसका इस्तेमाल कई तरीकों से किया जाता है। इसके पत्ते और बीज सब कुछ बाजार में बिकते हैं। इसलिए किसान अच्छी कमाई कम समय में, कम खर्चे में कर सकते हैं।
दरअसल, यहां पर हरा धनिया की बात की जा रही है। यह हरा धनिया लगाने का अनुकूल समय है। अभी लगाने पर मंडी में सबसे ज्यादा भाव मिलने वाला है, जिसमें सितंबर के अंतिम सप्ताह तथा 10 अक्टूबर तक यानी कि अक्टूबर के पहले सप्ताह तक इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। तो चलिए बताते हैं धनिया की खेती कैसे करें, जिससे अच्छा-खासा उत्पादन हो। जिसमें यहां पर धनिया की वैरायटी, खाद, बीज आदि की जानकारी दी जाएगी।
खाद कितनी मात्रा में करें इस्तेमाल
धनिया की खेती अगर किसान बढ़िया जमीन में करते हैं, तो कम खर्चे में ज्यादा उत्पादन ले सकते हैं। जिसमें किसानों को ऐसे जमीन का चुनाव करना चाहिए, जहां जल निकासी की बढ़िया व्यवस्था हो, जलभराव की समस्या बिल्कुल न आती हो।
खाद की मात्रा की बात करें, तो अगर मिट्टी उपजाऊ है, तो गोबर की खाद डालकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। लेकिन अगर किसान रासायनिक खाद का भी इस्तेमाल अपनी जमीन में करते हैं, तो दो से तीन ट्रॉली सड़ी हुई गोबर की खाद पहले डालें। उसके बाद रासायनिक खाद की बात करें, तो डीएपी, एमओपी, यूरिया दिया जा सकता है। जिसमें डीएपी 30 से 35 किलो, एमओपी 10 किलो, यूरिया 25 किलो तक डाल सकते हैं। यह सब बुवाई से पहले डालकर खेत तैयार करना है।

बीज का चयन
सही बीज का चयन भी जरूरी होता है। अगर यह सोच रहे हैं कि कौन सी कंपनी का बीज लगाएं, तो सबसे पहले तो अपने क्षेत्र की डिमांड को ध्यान में रखना चाहिए। आपके क्षेत्र की जलवायु में कौन से बीज अच्छे रहेंगे, इसका भी ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा कंपनी की बात करें, तो श्रीराम की महक, नामधारी की भूमि जैसी कंपनियों के बीज अच्छे होते हैं।
इसके अलावा, किसानों को बीज की मात्रा का भी ध्यान रखना चाहिए। बहुत ज्यादा बीज खेतों में नहीं डालना चाहिए, क्योंकि सर्दियां आने वाली हैं। अगर बहुत ज्यादा सघन पौधे हो जाएंगे, तो जड़ों तक धूप और हवा नहीं पहुंचेगी, जिससे गलन की समस्या आ सकती है। एक एकड़ में 8 से 12 किलो बीज पर्याप्त होता है। बीज बोने से पहले 10 से 12 घंटे पानी में भिगोकर रखें, फिर बुवाई करें।
1 एकड़ में कमाई और लागत
किसान एक एकड़ में हरा धनिया की खेती करते हैं तो लागत 8 से ₹10000 तक आती है। वही किसान पर भी लागत निर्भर करती है कि वह किस तरीके से खेती कर रहे हैं, उनके पास कितने साधन है। जिससे 15 से 20 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है, और उससे अच्छी कीमत मिलने पर लाखो में कमाई की जा सकती है। किसान हरा धनिया बेचकर तथा बीज बेंचकर कमाई कर सकते हैं।
हरा धनिया से होने वाली कमाई मंडी में मिलने वाले भाव पर निर्भर करती है। जिसमें प्रति किलो ₹200 तक भी किसानों को भाव मिल जाते हैं। जिसमें आज की बात करें तो इस समय हरा धनिया 63 रुपए किलो और बीज इसके 73 रुपए किलो जा रहे हैं। जिसमें न्यूनतम भाव 6700 क्विंटल बताया था तो अगर इसी रेट से अनुमान लगाए तो ₹80000 तक की कमाई हो सकती है।

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