500 से ₹1000 किलो बिकने वाली ये चीज किसानो को बना देती है मालामाल, 1 एकड़ में मिलता है 5 टन तक उत्पादन, जानिए इस चीज के बारे में

On: Monday, September 22, 2025 11:00 AM
कोकम के पेड़ कितने साल में तैयार होते हैं

किसानों को खेती से आमदनी बढ़ाने के लिए तरह-तरह की फसलों की तलाश रहती है, जिसमें यहां पर आपको एक फल की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं।

500 से 1000 रुपए किलो है कीमत

500 से ₹1000 किलो कीमत बहुत होती है, ऐसे में किसानों को अच्छा-खासा मुनाफा हो सकता है, जिसमें यहां पर बात कर रहे हैं कोकम की, जो कि खट्टे स्वाद के लिए जाना जाता है। यह उष्णकटिबंधीय फल माना जाता है। इसका सेवन कई कर्म से किया जाता है। यह पाचन में सुधार लाता है, एसिडिटी को कम करता है, मधुमेह व त्वचा के रोगों से बचाता है। इसके सेवन से वजन घटाने में मदद मिलती है।

कोकम एक छोटा, गोलाकार, तीखा फल होता है। यह पकने के बाद बैंगनी रंग का हो जाता है। इसके छिलके का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है। इसके सूखे छिलके से शरबत, अचार, दवाई, सिरका बनाया जाता है। बीज से कोकम बटर बनता है, जिसकी डिमांड बढ़ रही है।

कोकम की खेती कहां होती है

कोकम की खेती महाराष्ट्र, गोवा, केरल, कर्नाटक जैसे तटीय इलाकों में होती है, जहां पानी की अच्छी निकासी की व्यवस्था होती है तथा गर्म, नमी वाला मौसम होता है। कोकम की खेती भारतीय पश्चिमी घाट में अधिक होती है।

कोकम के पेड़ कितने साल में तैयार होते हैं

कोकम के पेड़ को तैयार होने में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरीके से उसके पेड़ लगा रहे हैं। जैसे कि मान लीजिए कि ग्राफ्टेड विधि से कोकम के पेड़ लगाते हैं, तो 5 साल में वह तैयार हो जाता है। लेकिन अगर बीज के द्वारा लगाते हैं, तो 8 साल में तैयार होता है। इस तरह, इसकी खेती में किसानों को थोड़ा संयम बनाए रखना होगा।

कोकम के पेड़ से उत्पादन

कोकम की खेती करते हैं, तो एक पेड़ से अच्छी देखभाल करने पर 20 से 80 किलो तक उत्पादन मिल सकता है। एक एकड़ से तीन से पांच टन तक उत्पादन मिल सकता है। अगर 100 पेड़ एक एकड़ में लगा देते हैं, सही तरीके से खेती करते हैं, आपके खेत की मिट्टी, जलवायु इसकी खेती के अनुसार है, तो अच्छा उत्पादन मिल जाता है। जून में मानसून के समय, इसके पौधों की रोपाई खेतों में की जाती है। अप्रैल और मई में तैयार हो जाते हैं, तब इसकी तुड़ाई की जाती है।

यह भी पढ़े- 10 अक्टूबर से पहले करें हरे पत्ते की खेती, 45 दिन में भरेगी तिजोरी, इसके बिना खाने का स्वाद रहता है अधूरा