आज हम जानेंगे कार्बन खेती के बारे में जो कि किसानों की आमदनी और पर्यावरण के सेहत दोनों के लिए ज़रूरी है।
कार्बन खेती क्या है ?
कार्बन खेती को हम कार्बन संचयन भी कहते हैं। इसमें खेती ऐसे की जाती कि पौधे और मिट्टी ज़्यादा से ज़्यादा कार्बन अपने पास जमा कर लेते हैं। जिससे ये होता कि हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड कम होती है और ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा भी घटती है। उसका नतीजा ये होता है कि मिट्टी की ताकत बढ़ती है और जलवायु परिवर्तन का असर कम हो जाता है। जो की मिट्टी ,फसल और पर्यावरण सभी के लिए अच्छी साबित होती है।
किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए है फ़ायदेमंद
कार्बन खेती करने से मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी होती है और फसल का उत्पादन भी बढ़ता है। यह खेती मौसम में होने वाले बदलाव को रोकने में बहुत बड़ा उपाय के तौर पर काम करती है। इसके साथ ही ये किसानों के लिए बहुत फ़ायदेमंद है जैसे –
- खेती में लागत कम करती है क्योंकि खादों और कीटनाशकों का प्रयोग नहीं होता।
- जैविक फसलों की मार्केट में डिमांड बहुत रहती जिससे बेहतर दाम मिलते हैं।
- मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है जिससे फसलों का उत्पादन ज़्यादा होता है।
कुल मिलाकर ये आमदनी बढ़ाने और खेती को ज़्यादा टिकाऊ बनाने का नया रास्ता है क्योंकि ये धरती की सेहत को बेहतर बनाती है जो कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए भी अच्छी है।
कार्बन खेती के आसान तरीके कौन से हैं ?
वन प्रबंधन – जंगल और पेड़ पौधों की देखभाल करें, उन्हें न काटें और ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाएं। इससे कार्बन मिट्टी और पेड़ों में सुरक्षित रहता है।
घास के मैदानों का देखरेख करें – चरागाहों और घास के मैदानों को बचाकर रखें। इससे मिट्टी की ताकत बनी रहती है और वह ज़्यादा कार्बन रोक पाती है।
मिश्रित खेती करें – फसलों के साथ पेड़-पौधों की खेती करें जिससे फसल चक्र भी संतुलित रहेगा। इससे कार्बन भी ज़्यादा जमा होता है और जैव विविधता (जैसे पक्षी, कीट-पतंगे और अन्य जीव) भी बढ़ती है।
कवर फसलों का उपयोग करें – कवर फसलें ऐसी फसलें होती हैं जो फसलों की कटाई के बाद या उनके बीच खाली रहने वाली ज़मीनों पर बोई जाती हैं। ये मिट्टी को पोषक तत्वों की कमी और कटाव से बचाती हैं। जिससे ये होता है कि मिट्टी की उर्वरता और कार्बन दोनों बढ़ते हैं।
मिट्टी की जुताई में कमी लाएं – मिट्टी की जुताई बार-बार न करें। इससे ये फ़ायदा होता है कि मिट्टी में मौजूद जैविक पदार्थ को नुकसान नहीं पहुँचता और संतुलन बनी रहती है।
वेटलैंड का बचाव करना – वेटलैंड वो ज़मीन होती है जो पानी से घिरी रहती है। इनका बचाव करना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि ये बाढ़ रोकने, पानी साफ़ करने, और जीव-जंतुओं की कई प्रजातियों को बचाने के लिए बहुत ज़रूरी हैं।
किसान भाई अगर कार्बन खेती को ज़्यादा से ज़्यादा अपनाते हैं तो उन्हें अच्छी आमदनी होगी, पर्यावरण हरा-भरा रहेगा और आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित होगा।
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नमस्कार! मैं पल्लवी मिश्रा, मैं मंडी भाव से जुड़ी ताज़ा खबरें लिखती हूं। मेरी कोशिश रहती है कि किसान भाइयों को सही और काम की जानकारी मिले। ताकि आप अपनी फसल सही दाम पर बेच सकें। हर दिन के मंडी भाव जानने के लिए KhetiTalks.com से जुड़े रहिए।