सितंबर में बोएं ये सब्ज़ियाँ, सर्दियों में थाली रहेगी हरी-भरी, जानिए कैसे बचाएं सर्दियों में हरी सब्ज़ियों का खर्चा

On: Monday, September 15, 2025 9:00 AM
सितंबर में कौन-कौन सी सब्ज़ियाँ लगाई जाएँ

सब्जियाँ उगाने का सुनहरा मौका है। चलिए आपको बताते हैं कि सितंबर में कौन-कौन सी सब्ज़ियाँ लगाई जाएँ, जिससे ठंड में बाजार से हरी सब्जियाँ खरीदने की जरूरत न पड़े, बल्कि घर पर ही सब्जियों की भरपूर उपलब्धता हो।

पत्तेदार सब्ज़ियाँ

सितंबर में कई पत्तेदार सब्जियाँ उगाई जा सकती हैं। आप इन्हें गमले या कंटेनर में भी आसानी से उगा सकते हैं। जैसे कि पालक, सरसों, मेथी, बथुआ, चोलाई आदि। ये सभी पत्तेदार सब्जियाँ सर्दियों में ताज़ा हरा स्वाद देंगी।

पालक का पराठा, मेथी का पराठा – ये सभी व्यंजन आप घर पर उगी सब्जियों से बना सकेंगे। इनका स्वाद अलग ही होता है, क्योंकि आप इनमें सिर्फ जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि गोबर की खाद या कंपोस्ट। इससे पैदावार भी अच्छी होती है और खाने में स्वाद भी बढ़ जाता है। ये सब्जियाँ लगभग 30 से 45 दिनों में तैयार हो जाती हैं।

गाजर, मूली और चुकंदर

सितंबर से अक्टूबर की शुरुआत तक गाजर, मूली और चुकंदर की बुवाई कर सकते हैं। ये सब्जियाँ ठंड में शरीर को गर्म रखने में मदद करती हैं। गाजर से बना हलवा जब अपने ही खेत या गमले की गाजर से बने, तो उसका स्वाद ही कुछ और होता है। चुकंदर और मूली आपके सलाद का स्वाद बढ़ाएँगे और सेहत को भी दुरुस्त रखेंगे। ये सभी जड़वाली सब्जियाँ पोषण से भरपूर होती हैं और उगाना भी आसान है।

फूलगोभी और पत्तागोभी

सितंबर में फूलगोभी और पत्तागोभी की खेती भी शुरू की जा सकती है। इसकी कई रंग-बिरंगी वैरायटी बाजार में आती है। फूलगोभी और पत्तागोभी बाजार में महंगी बिकती हैं, लेकिन अगर इन्हें घर पर लगाते हैं तो यह किफायती और ताज़ा विकल्प बन जाता है।

इन्हें आप बगीचे या बड़े गमलों में उगा सकते हैं। यह फसल लगभग 40 से 100 दिनों में तैयार होती है, जो वैरायटी पर निर्भर करता है। बुवाई से पहले मिट्टी को अच्छी तरह तैयार करें। उसमें गोबर की खाद मिलाएँ और बेड बनाकर, शाम के समय पौधों की रोपाई करें। जलभराव से बचाएँ और धूप वाली जगह पर इन्हें लगाएँ।

घर पर सब्जियाँ उगाना क्यों है फायदेमंद?

घर पर सब्जियाँ उगाना बेहद फायदेमंद होता है। इससे न सिर्फ बाजार की केमिकल युक्त सब्जियों से बचाव होता है, बल्कि हरी सब्जियों पर आने वाला खर्च भी कम हो जाता है। साथ ही, जैविक और ताज़ा सब्जियाँ खाने को मिलती हैं, जो स्वाद और सेहत – दोनों के लिए बेहतर होती हैं।

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