पशुपालकों के लिए यह योजना बहुत ही लाभकारी है। यह दुख की घड़ी में काम आती है, और ₹40,000 तक की आर्थिक मदद सरकार से मिलती है।
कई पशुओं के पालन में मिलता है फायदा
इस योजना के अंतर्गत कई तरह के पशुओं के पालन पर लाभ दिया जाता है। जैसे कि अगर आप गाय, भैंस, ऊँट, घोड़ा या बैल का पालन करते हैं, तो भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। यह योजना राजस्थान राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है, जिसके तहत पशुपालकों को दुख की घड़ी में ₹40,000 तक की आर्थिक मदद दी जाती है। तो चलिए जानते हैं कि इसका लाभ कैसे उठाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना
यह योजना राजस्थान राज्य सरकार की है, जिसे मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना कहा जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में की गई थी। इस योजना के अंतर्गत, यदि बीमा करवाने के बाद पशु की मृत्यु हो जाती है, तो पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए ₹40,000 तक की सहायता राशि दी जाती है।
प्रीमियम राशि में मिलती है 70% सब्सिडी
जैसा कि जानते हैं, इस योजना का लाभ उठाने के लिए पशुओं का बीमा कराना आवश्यक होता है। बीमा करते समय जो प्रीमियम राशि जमा करनी पड़ती है, उसमें 70% तक की सब्सिडी राज्य सरकार देती है। पशुपालकों को केवल 30% राशि ही स्वयं भरनी होती है, जिससे बीमा कराना आसान हो जाता है।
बीमा कराने के लिए पशुपालन विभाग कार्यालय या ई-मित्र केंद्र में जाना होगा। बीमा के लिए आपको पशु का टैग नंबर, फोटो, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और जन आधार कार्ड जमा करना होगा। इसके बाद बीमा पॉलिसी जारी की जाती है।
बीमा का लाभ पशु की मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में दिया जाता है। यह योजना पशुओं को आने वाले समय की चिंता से बचाकर रखती है और पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से राहत देती है। जान-माल की हानि पर यह योजना बेहद उपयोगी सिद्ध होती है।

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