लाखों की नौकरी छोड़ी, माइक्रोग्रीन्स की खेती से मोहित निझावन का टर्नओवर अब करोड़ों में

On: Tuesday, September 9, 2025 1:58 PM
माइक्रोग्रीन्स की खेती

आज हम बात करेंगे माइक्रोग्रीन्स किसान मोहित निझावन की, जिन्होंने 90 लाख का सैलरी पैकेज छोड़कर माइक्रोग्रीन्स की खेती की शुरुआत की जिससे उनका सालाना टर्नओवर करोड़ों में है।

90 लाख की नौकरी छोड़कर माइक्रोग्रीन्स की खेती

मोहित निझावन चंडीगढ़ के रहने वाले हैं। उन्होंने ने स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई चंडीगढ़ से पूरा की है। इसके बाद 22 साल उन्होंने फार्मा कंपनी में काम किया ,वो भी 90 लाख के सैलरी पैकेज के साथ। पर माइक्रोग्रीन्स की खेती शुरू करने के लिए उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी। वे फार्मा सेक्टर में काम करते थे, तो उन्होंने देखा कि कैंसर पेशेंट बढ़ते जा रहे हैं और उन्होंने अपने परिवार में भी इस बीमारी से दो लोगों को खो दिया। उन्होंने देखा कि मार्केट की सब्जियां खाने के प्लेट में आते आते उसका पोषण ना के बराबर बचता है। जिसके बाद जब उन्होंने माइक्रोग्रीन्स पर रिसर्च किया तो पता चला कि  माइक्रोग्रीन्स के पोषक तत्वों से सेहत को काफी फायदा होता है। फिर उन्होंने सोच लिया कि इसकी खेती करनी है। 

माइक्रोग्रीन्स की खेती की शुरुआत कैसे की 

शुरुआत में उन्हें खेती का कोई ज्ञान नहीं था। पर उन्होंने अपना रिसर्च जारी रखा और कई एग्रीकल्चर वर्कशॉप में शामिल हुए। किसानों से बात की, फिर नौकरी छोड़ी और अपने ही छत पर ब्रोकली, फूलगोभी, सरसों, मेथी और मूली सहित 21 तरह के बीजों से माइक्रोग्रीन्स लगाने लगे। माइक्रोग्रीन्स की खेती आप घर के किसी भी रूम से स्टार्ट कर सकते हैं। इसे उगाने के लिए ट्रे टाइप के प्लास्टिक का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें 4 से 6 इंच की गहराई होती है। 2 से 3 हफ्ते के बाद माइक्रोग्रीन्स कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाती हैं। 

सालाना टर्नओवर 1.44 करोड़ तक

अभी वे 70 से ज्यादा पौधों की वैरायटी उगा रहे हैं। आज की तारीख में उत्तर भारत के अलावा मुंबई में भी उनकी  कंपनी काम कर रही है, जिसमें 90 लोगों की टीम शामिल है। माइक्रोग्रीन्स को लेकर वे 3000 से अधिक किसानों को ट्रेनिंग दे चुके हैं। उनकी खुद की वेबसाइट भी है। पहले उनकी लाखों में कमाई होती थी, जो आज बढ़कर 1.44 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। 

उनका कहना है कि बढ़ते हेल्थ के दिक्कतों को देखते हुए माइक्रोग्रीन्स की डिमांड मार्केट में बहुत ज्यादा है, क्योंकि इसमें अनाजों के मुकाबले करीब 40 फीसदी तक अधिक पोषक तत्व होते हैं । तो लोग इसकी खोज में रहते। इसकी खेती में आमदनी भी काफी अच्छी होती।

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