किसानों के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन यहां प्रदेश की उस परियोजना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके तहत अब तक किसानों को लगभग 3500 करोड़ रुपए मिल चुके हैं।
इस परियोजना से जुड़े 73 लाख किसान
सरकारी योजनाओं का फायदा किसानों को मिलना चाहिए, क्योंकि यह उनका हक है। विभिन्न राज्य सरकारें किसानों के लिए कई योजनाएं चलाती हैं। अब इन योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक किसान योजना से जुड़ सकें।
इसी तरह राज किसान साथी परियोजना, जो कि राजस्थान सरकार की एक शानदार पहल है, से अब तक 73 लाख से अधिक किसान जुड़ चुके हैं। किसानों को 3500 करोड़ रुपए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से दिए गए हैं। इसके तहत कृषि छात्रों को भी करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। साथ ही, 2500 से ज्यादा खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ा गया है, जिससे वे आसानी से अपनी उपज को उचित कीमतों पर बेच सकते हैं।
इस प्रणाली के फायदे
राज किसान साथी एक ऑनलाइन पोर्टल है, जिसमें किसान आसानी से जुड़ सकते हैं। इसे ईज़ ऑफ डूइंग फार्मिंग की परिकल्पना को ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की तर्ज के तहत शुरू किया गया था। इसके कई फायदे सामने आए हैं, जैसे-
- अधिक से अधिक काम ऑनलाइन होने से पैसे और समय की बचत।
- लगभग 1320 टन कागज की बचत।
- DBT भुगतान में 33 गुना तेजी।
- धोखाधड़ी के मामलों में कमी।
- किसानों को समय पर और सही तरीके से लाभ मिलना।
- किसान घर बैठे योजना के लिए आवेदन कर सकते है।
परियोजना को मिला इनोवेशन अवार्ड
इस परियोजना के विकास और सफलता को देखते हुए, राज किसान साथी परियोजना को राष्ट्रीय CPS इनोवेशन अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में आयोजित समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया। इस परियोजना की सफलता और लाभ को देखकर अन्य राज्य सरकारें भी इससे सीख ले रही हैं।

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