मूंगफली की ये किस्म खरीफ मौसम खेती के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है इसकी गुणवत्ता अन्य किस्मों के मुकाबले काफी बेहतर होती है।
मूंगफली की ये किस्म की खेती से छपेगा अंधाधुन पैसा
मूंगफली की खेती के लिए किसान इस किस्म का चयन कर सकते है ये किस्म मुख्य रूप से गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में खरीफ मौसम के लिए अनुशंसित है। मूंगफली की इस किस्म में ओलिक एसिड की मात्रा लगभग 78-80% होती है जो सामान्य मूंगफली की किस्मों से काफी अधिक है। उच्च ओलिक एसिड सामग्री के कारण इस मूंगफली से बने तेल की शेल्फ लाइफ भी लंबी होती है और ये हृदय रोगों के लिए भी लाभकारी होती है। इस किस्म की खासियत ये है की ये पुरानी किस्मों की तुलना में सूखा, ब्लैक फंगस, पत्ती धब्बा, रतुआ, तना सड़न और अन्य बीमारियों के प्रति अधिक सहनशील होती है। जिससे दानों का उत्पादन शानदार होता है। इस किस्म को व्यावसायिक उपयोग के लिए मान्यता प्राप्त है। हम बात कर रहे है मूंगफली की गिरनार-4 किस्म की खेती की ये मूंगफली की एक उच्च-ओलिक एसिड वाली और रोग प्रतिरोधी किस्म है। जो उच्च गुणवत्ता की उपज, बेहतर तेल सामग्री और लंबी शेल्फ लाइफ के लिए जानी जाती है।

मूंगफली की गिरनार-4 किस्म
मूंगफली की गिरनार-4 किस्म उच्च उपज और बाजार में बेहतर मूल्य के कारण किसानों के लिए अधिक लाभदायक होती है।इसकी खेती के लिए उचित जल धारण क्षमता वाली हल्की दोमट मिट्टी या बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है। इसकी खेती के लिए खेत को गहरा जोतकर तैयार करना चाहिए और मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट डालना चाहिए। बीज बुवाई से पहले उचित फफूंदनाशक और राइजोबियम कल्चर से उपचारित करना चाहिए। बुवाई के लिए लगभग 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर का उपयोग कर सकते है बुआई के बाद मूंगफली की गिरनार-4 किस्म की फसल लगभग 100 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
उत्पादन क्षमता
मूंगफली की गिरनार-4 किस्म की खेती से बहुत बंपर उत्पादन देखने को प्राप्त होता है इसमें ओलिक एसिड की मात्रा ज्यादा होने के कारण ये स्वास्थ्यप्रद और प्रीमियम तेल उत्पादन के लिए बहुत उपयोगी बनाती है। एक हेक्टेयर में मूंगफली की गिरनार-4 किस्म की खेती करने से लगभग 32 से 34 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है आप इसकी खेती से लाखों का मुनाफा कमा सकते है। इसकी खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है। इस किस्म की मूंगफली का उपयोग पीनट बटर, मूंगफली तेल और अन्य खाद्य उत्पादों के निर्माण में किया जाता है।

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