किसान अगर खेती से होने वाली आमदनी को कई गुना ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं, तो चलिए बेहद कम खर्च में करोड़ों तक पहुँचने वाले किसान भाइयों की सफलता की कहानी बताते हैं।
किसान की सफलता की कहानी
खेती के लिए अगर किसान के पास बहुत ज्यादा जमीन नहीं है तो छप्पर वाली खेती भी कर सकते हैं, जिसके लिए बहुत अधिक जमीन की जरूरत नहीं पड़ती। एक जगह पर अगर छप्पर वाली कुटिया बना लेते हैं, तो एक कुटिया से ही अच्छा उत्पादन मिल जाता है। एक कुटिया में लगभग दो बेड लग जाते हैं। जो कि शुरआत के लिए बढ़िया रहते है। आज जिनकी बात हो रही है, वे दो किसान भाई मिलकर मशरूम की खेती करते हैं। अब उन्हें इतना ज्यादा मुनाफा हो रहा है कि हर साल 2 से 2.5 करोड़ रुपए तक कमा लेते हैं। हर महीने वे लगभग 50 लाख रुपए मजदूरी में ही खर्च कर देते हैं।
ये किसान उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले हैं। उनका नाम दिलीप है और वे अपने भाई के साथ मिलकर मशरूम की खेती करते हैं। उन्होंने शुरुआत सिर्फ ₹2500 से हुई थी। बता दें कि एक भाई दसवीं फेल हैं और दूसरे इंटर पास। पढ़ाई में भले ही ज्यादा सफल न रहे हों, लेकिन खेती में वे पास हो चुके हैं। क्योंकि खुद तो कमा ही रहे हैं, साथ ही लाखों लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।
मशरूम की कीमत और मांग
मशरूम सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, इसलिए उनकी डिमांड बहुत ज्यादा है और बिक्री आसानी से हो जाती है। किसान भाई छप्पर से ही दो से तीन टन मशरूम का उत्पादन कर लेते हैं।
इसके अलावा, वे दूसरों से मशरूम खरीदकर भी बिक्री करते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी होती है। साल 2008 से उन्होंने मशरूम की खेती की शुरुआत की थी और आज इसमें अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। वे बताते हैं कि गर्मी और सर्दी में मशरूम की कीमत अलग-अलग होती है। आसानी से इसकी कीमत ₹115 प्रति किलो तक मिल जाती है।
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आसपास के सभी मंडियों में जाता है उत्पाद
किसानों उनके द्वारा तैयार उत्पाद की अगर अच्छी कीमत आसपास मिल जाए तो मुनाफा होता है। जिसमें किसान बताते हैं कि आसपास के कई मंडियों में उनके मशरूम की बिक्री होती है। लखनऊ से लेकर पूर्वांचल के सभी जिलों तक मशरूम की सप्लाई जाती है। वहाँ उनके लोग रहते हैं, जो समय पर उत्पादन की बिक्री कर देते हैं। आज उनके पास 90 से 95 छप्पर हैं, जिनसे अच्छा खासा उत्पादन मिलता है। एक छप्पर में 40 से 50 टन सूखा भूसा लग जाता है। इससे आसपास के किसानों को भी आमदनी होती है, क्योंकि दिलीप जी उन्हें सूखा भूसा खरीदकर भुगतान करते होंगे।
छोटी शुरुआत से बड़ा मुनाफा
इस तरह देखा जाए तो एक छोटी शुरुआत भी बड़ा मुनाफा दे सकती है। बस जरूरत है सही समय पर खेती शुरू करने की। अभी भी किसानों के पास अच्छा मौका है। अगर आसपास मशरूम की डिमांड है, तो छप्पर वाली खेती शुरू करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। नुकसान से बचने के लिए ट्रेनिंग ले सकते है, खर्चा कम करने के लिए सरकारी योजनाओं से सब्सिडी ले सकते है।