धान की खेती करने वाले किसान अगर खरपतवार निकालने के लिए मजदूर नहीं लगाना चाहते, तो चलिए आपको एक शानदार मशीन की जानकारी देते हैं।
धान के खेत से खरपतवार निकालना
धान के किसानों को समय-समय पर खेत से खरपतवार निकालना पड़ता है, नहीं तो फसल पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर सही समय पर खरपतवार नहीं निकाले जाते, तो उत्पादन में 20 से 30% तक की कमी देखने को मिल सकती है। इससे किसान को भारी नुकसान हो सकता है।
आमतौर पर किसानों को खरपतवार निकालने के लिए मजदूर लगाना पड़ते हैं, जिससे खर्च बढ़ जाता है और मुनाफा घट जाता है। मगर अगर किसान मशीन का इस्तेमाल करें, तो 10 दिन का काम 1 दिन में पूरा कर सकते हैं और मजदूरों का पैसा भी बचा सकते हैं।

धान के खरपतवार निकालने की मशीन
धान के खरपतवार निकालने के लिए किसान भाई ट्रैक्टर-चलित ड्राई व वेट लैंड वीडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बारें में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) के दक्षिण एशिया क्षेत्र केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया है।
यह ट्रैक्टर से चलने वाला यंत्र है, जिसमें पतले टायर लगे होते हैं जो धान के खेतों में आसानी से चलते हैं और खरपतवार की सफाई करते हैं। अगर किसान पंक्तियों में धान की खेती करते हैं, तो इस मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मशीन 1 घंटे में 1 एकड़ जमीन की निराई-गुड़ाई कर देती है, जिससे किसान का समय काफी बचता है।
धान की फसल को नहीं पहुंचाता नुकसान
यह ट्रैक्टर-चलित ड्राई व वेट लैंड वीडर मशीन खास तौर पर धान की खेती के लिए बनाई गई है, इसलिए यह फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती। अगर किसान सीधी बिजाई (DSR विधि) से धान की खेती करते हैं, तो यह मशीन उनके लिए बेहतरीन विकल्प है। चूंकि सीधी बिजाई में 25 सेंटीमीटर की दूरी पर बुवाई होती है, ऐसे में यह ट्रैक्टर चलित वीडर खेत से खरपतवार आसानी से हटा देता है।
इसका वजन हल्का होता है, जिससे यह आसानी से खेत में चल जाता है। ट्रैक्टर से चलने वाला यह वीडर मिट्टी के ऊपरी हिस्से को पलट देता है, जिससे मुख्य फसल को पोषण बेहतर तरीके से मिलता है। वहीं, अनावश्यक खरपतवार जड़ से निकल जाते हैं और दोबारा जल्दी उगते नहीं हैं।