बिजली की खेती किसानों के लिए फायदेमंद, बिजली की खेती किसानों के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक है। इससे सिंचाई का खर्च बचेगा और आमदनी भी अधिक होगी।
बिजली की खेती क्या है?
किसान कई तरह की खेती करते हैं, लेकिन यहाँ पर बात हो रही है बिजली की खेती की। दरअसल, बिजली की खेती से मतलब है कि किसान सोलर सिस्टम का इस्तेमाल करके खेती करें। अगर किसान के पास खाली खेत पड़ा है, जहाँ फसल नहीं लग पा रही है या बंजर जमीन है, तो वहाँ सोलर सिस्टम लगाया जा सकता है। इससे किसानों को फ्री बिजली मिलेगी और वे समय पर सिंचाई कर पाएंगे। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री कुसुम योजना चलाई जा रही है। इसमें किसानों को कई तरह के फायदे मिलते हैं।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के फायदे
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को तीन प्रकार के लाभ मिलते हैं, जो इस प्रकार हैं –
सोलर पंप पर अनुदान
पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए अनुदान मिलता है। किसान 3 एचपी से 7.5 एचपी तक के सोलर पंप 60% सब्सिडी पर लगवा सकते हैं।
सोलर पावर प्लांट पर सब्सिडी
किसानों को सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए भी सब्सिडी मिलती है। इसके तहत सहकारी समितियाँ या फिर एफपीओ (FPO) अपने खेतों में 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक का सोलर पावर प्लांट स्थापित कर सकते हैं।
ग्रिड कनेक्टेड सोलर पंप
इसके अलावा किसान ग्रिड कनेक्टेड सोलर पंप भी अनुदान पर ले सकते हैं। इसमें बिजली से चलने वाले पंप को ग्रिड कनेक्टेड सोलर पंप में कन्वर्ट किया जाता है, जिससे वह सोलर पावर से चलने लगता है।
कैसे मिलेगा पीएम कुसुम योजना का लाभ?
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ लेने के लिए किसान आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए अपने राज्य की नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी या विद्युत वितरण कंपनी (DISCOM) की वेबसाइट पर जाकर “पीएम कुसुम योजना” के सेक्शन में आवेदन फॉर्म भरना होगा। आवेदन के समय आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण और अन्य आवश्यक जानकारी जमा करनी होगी।