अगस्त-सितंबर में करें पैसे छापने वाली इन 2 सब्जियों की खेती, मार्केट में बिकती है खूब महंगी खेती से बना देगी मालामाल, जानिए नाम

On: Wednesday, August 13, 2025 4:57 PM
अगस्त-सितंबर में करें पैसे छापने वाली इन 2 सब्जियों की खेती, मार्केट में बिकती है खूब महंगी खेती से बना देगी मालामाल, जानिए नाम

अगस्त सितंबर में इन सब्जियों की खेती बहुत लाभदायक होती है इनकी न केवल डिमांड बाजार में ज्यादा होती है बल्कि ये मार्केट में काफी महंगी भी बिकती है।

पैसे छापने वाली इन 2 सब्जियों की करें खेती

सब्जियों की खेती किसानों के लिए न केवल उनकी आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत होती है बल्कि ये उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होती है। आज हम आपको दो ऐसी सब्जियों की खेती के बारे में बता रहे है जो मार्केट में बहुत महंगी बिकती है इनकी खेती में लागत बेहद कम आती है और मुनाफा काफी ज्यादा होता है। इनकी खेती में ज्यादा दिन और मेहनत भी नहीं लगती है। इन सब्जियों की खेती से बहुत मोटा मुनाफा कमा सकते है हम बात कर रहे है काली गाजर, और काली मूली की खेती की इन दोनों की खेती बहुत फायदेमंद होती है।

काली गाजर की खेती

काली गाजर की खेती एक लाभदायक व्यवसाय की तरह साबित होती है क्योकि काली गाजर समान्य गाजर की तुलना अधिक महंगी और पौष्टिक होती है काली गाजर की खेती के लिए उचित तापमान, मिट्टी और सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसकी खेती के लिए उचित जल धारण क्षमता वाली भुरभुरी, रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है। मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में खाद डालना चाहिए। बुवाई से पहले बीजों को उपचारित करना चाहिए। एक हेक्टेयर में बुवाई के लिए लगभग 5-6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई के बाद काली गाजर की फसल करीब 75 से 90 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में इसकी उपज लगभग 8 से 10 टन तक हो सकती है। आप इसकी खेती से लाखों रूपए का मुनाफा कमा सकते है।

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काली मूली की खेती

अगस्त सितंबर में काली मूली की खेती काफी फायदेमंद होती है। काली मूली एक प्रकार की जड़ वाली सब्जी है जिसका बाहरी छिलका काला और अंदर का भाग सफेद होता है इसकी मांग बाजार में दिन प्रति दिन काफी देखने को मिल रही है क्योकि लोग इसका सेवन करना काफी पसंद कर रहे है। इसमें पोषक तत्व बहुत ज्यादा होते है। काली मूली की खेती के लिए पहले खेत की जुताई करना चाहिए फिर मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद डालना चाहिए इसकी खेती में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था रखनी चाहिए। काली मूली की खेती के लिए दोमट मिट्टी या बलुई दोमट मिट्टी सबसे आदर्श मानी जाती है। बुवाई के बाद काली मूली की फसल करीब 55 से 60 दिन में तैयार हो जाती है एक एकड़ में काली मूली की खेती करने से लगभग 110 से 120 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है आप इसकी खेती से लाखों का मुनाफा कमा सकते है।

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