धान के कई किसानों को फिजी वायरस की समस्या देखने को मिल रही है। तो चलिए, आपको बताते हैं इसके लक्षण और उपाय।
धान की फसल में फिजी वायरस का हमला
धान की फसल में फिजी वायरस/बौना वायरस का हमला सबसे पहले 2022 में देखने को मिला था। इस साल भी फिजी वायरस का खतरा कई किसानों को देखने को मिल रहा है, जिसमें मुख्य तौर पर पंजाब और हरियाणा के किसान इस वायरस से परेशान हैं। तो चलिए, जानते हैं कि अगर धान के खेत में यह वायरस फैलता है, तो क्या लक्षण दिखाई देते हैं।
धान में फिजी वायरस फैलने के लक्षण
धान की फसल में अगर फिजी वायरस/बौना वायरस फैल जाता है, तो ऐसे में पौधे छोटे होने लगते हैं। समय के अनुसार जितना बड़ा होना चाहिए, उतने बड़े वे नहीं होते हैं। इसके अलावा, पत्तों का रंग सामान्य से ज्यादा गहरा हो जाता है। इतना ही नहीं, पत्ते सख्त हो जाते हैं, जिसे पौधों को छूकर महसूस किया जा सकता है।
फिजी वायरस से धान की फसल बचाने के लिए दवा
किसान भाई, अगर खेत में फिजी वायरस का खतरा अभी शुरुआती तौर पर देखने को मिल रहा है, जैसे कि 15 या 20 पौधे ही संक्रमित हुए हैं, तो ऐसे में सबसे पहले इन पौधों को उखाड़कर मिट्टी में दबा देना चाहिए। लेकिन अगर आपको लगता है कि संक्रमण ज्यादा फैल चुका है, तो दवा का छिड़काव करना ही बेहतर होगा।
कृषि यूनिवर्सिटी द्वारा बताया गया है कि “ओशीन अल्ट्रा” दवा का छिड़काव किया जा सकता है। जिसमें डाइनोटेफ्यूरान 70% WG है। यह एक कीटनाशक है। यह पौधों के भीतर के कीटों को समाप्त कर सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि WBPH नामक कीट से फिजी वायरस फैलता है, जिसे यह दवा नियंत्रित कर सकती है।