धान के किसानों को इस वायरस से बड़ा नुकसान हो रहा है। उत्पादन घट रहा है और फसल बर्बाद हो रही है। तो चलिए जानते हैं इस खतरनाक वायरस के बारे में।
धान की फसल पर वायरस का आक्रमण
इस बार धान की खेती के सीजन में महंगाई के बावजूद किसानों ने मेहनत से फसल लगाई थी, लेकिन अब एक वायरस ने उन्हें बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। इस वायरस का नाम फिजी वायरस है, जो कि अब तक हरियाणा के लगभग 550 एकड़ की फसल को बर्बाद कर चुका है। इससे किसान बेहद चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
उत्पादन हुआ आधा
किसानों का कहना है कि जब तक फसल सही रहती थी, तब औसतन 28 से 30 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन मिल जाता था। लेकिन अब यह गिरकर महज 14 क्विंटल तक आ गया है। किसानों को डर है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो यह बचा-खुचा उत्पादन भी नहीं मिल पाएगा।
कोई दवा नहीं कर रही काम
जब किसानों ने अपनी फसल में इस फिजी वायरस का असर देखा, तो उन्होंने कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया। कृषि विभाग की ओर से भी कुछ दवाइयों की जानकारी दी गई थी। लेकिन, इनमें से कोई भी दवा असरदार साबित नहीं हो रही है। अंत में, अधिकतर फसल खराब हो चुकी है।
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कृषि विभाग कर रहा निरीक्षण
कृषि विभाग की टीम शुरू से ही इस वायरस पर नजर बनाए हुए है। अधिकारी लगातार फील्ड में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई खास फायदा नहीं नजर आया है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस दक्षिणी चावल काली धारीदार बोना वायरस से फैल रहा है, जिससे कई किसानों को भारी घाटा झेलना पड़ रहा है।
धान की खेती में सरकार मिली मदद
धान की खेती में किसानों को हरियाणा सरकार से मदद भी मिली थी। जिसमें अब धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) विधि से करने पर प्रति एकड़ 500 रुपये अधिक मिलेंगे। बताया गया कि पिछले तीन सालों से किसानों को 4000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही थी, वहीं इस साल इसे बढ़ाकर 4500 रुपये एकड़ किया गया है। जिससे किसानों को आर्थिक सहायता मिली थी।