RD स्कीम से ज़्यादा इस सब्जी की खेती में है फायदा, एक साल के भीतर बन सकते हैं लखपति, लगाना है मात्र 14 हजार रु

अगर कम खर्चे में लखपति बनना चाहते हैं, तो यहां एक ऐसी फसल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे RD स्कीम से भी ज़्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है।

सब्जी की खेती में है फायदा

कई लोग ऐसे हैं, जो थोड़ा-थोड़ा पैसा बचाकर RD स्कीम में जमा करते हैं और करीब 5 साल बाद उन्हें ₹1 लाख मिलता है। जो कि एक सुरक्षित विकल्प है। लेकिन यहां सिर्फ ₹14,000 के खर्चे में एक साल के भीतर लखपति बनाने वाली फसल की जानकारी दे रहे हैं। यह फसल एक बार लगाने के बाद कई महीनों तक अच्छा उत्पादन देती है। सिर्फ एक सब्जी की खेती से आप लखपति बन सकते हैं।

दरअसल, यहां बात हो रही है तोरई की खेती की, जिसे किसान 10 कट्ठा ज़मीन में लगाकर भी ₹2 लाख तक की कमाई कर लेते हैं। कई किसान तो इसे लगाकर महीने के ₹50,000 तक भी कमा रहे हैं। वहीं, खर्च की बात करें तो इसमें मात्र ₹14,000 तक का खर्च आता है। चलिए, अब आपको तोरई की खेती के बारे में विस्तार से बताते हैं।

तोरई की खेती के लिए तैयारी

तोरई की खेती करने जा रहे हैं, तो सबसे पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करें। मिट्टी को भुरभुरी बनाएं और क्यारियां बनाकर उसमें पौधे लगाएं। क्यारियों के बीच में 2 से 3 मीटर तथा दो पौधों के बीच में 50 सेंटीमीटर की दूरी रखें। रोपाई के बाद समय-समय पर सिंचाई करें। अगर आप पानी की बचत करना चाहते हैं, तो ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग करें।

उत्पादन बढ़ाने तथा गुणवत्ता के लिए करें यह काम

अगर तोरई की खेती से अच्छा उत्पादन लेना चाहते हैं, तो समय पर खाद देना आवश्यक है। साथ ही पौधों को सहारा देने के लिए मंडप या जाल बनाएं। तोरई के पौधों को सहारे की बहुत आवश्यकता होती है। इसके लिए तार या बांस का उपयोग करें। यदि आप जैविक खेती कर रहे हैं, तो गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट जैसी जैविक खादों का इस्तेमाल करें।

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उत्पादन कितना मिलेगा?

अगर ठीक से खेती करते हैं, तो एक एकड़ में तोरई की फसल से उत्पादन 80 से 100 क्विंटल तक प्राप्त किया जा सकता है। इससे करीब ₹2 लाख तक की कमाई हो सकती है। हालांकि, इसके लिए कीट नियंत्रण बहुत ज़रूरी है। इस फसल में सफेद मक्खी, फल मक्खी जैसे कीटों का प्रकोप देखा जाता है, जिनका समय पर नियंत्रण करना आवश्यक होता है।

तोरई की खेती का सीजन

तोरई की खेती किसान भाई खरीफ और जायद सीजन में कर सकते हैं। खरीफ सीजन में इसकी बुवाई बरसात में होती है, जबकि जायद सीजन में फरवरी से मार्च के बीच इसकी खेती की जाती है।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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