पथरीली जमीन में कैक्टस लगा सकते हैं किसान, पशु चारा, कपड़ा, बायो फ्यूल, खाद आदि बनाई जाती है, विंध्याचल मंडल में उद्यान विभाग कर रहा नई शुरुआत

On: Monday, August 4, 2025 6:50 AM
विंध्याचल मंडल में कैक्टस की खेती

किसान के खेत की जमीन अगर उपजाऊ नहीं है, पथरीली जमीन है तथा पानी की समस्या है तो कैक्टस की खेती कर सकते हैं और उद्दान विभाग से सहयोग मिलेगा-

कैक्टस की खेती में क्या फायदा है

कैक्टस की खेती में भी किसानों को फायदा है। आपको बता दे इससे कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं। कैक्टस पशु चारा के लिए भी इस्तेमाल होता है। इसके अलावा खाद बनाने, कपड़ा बनाने और बायोफ्यूल के लिए भी कैक्टस की डिमांड है। इसका पाउडर बनाया जाता है। इसके आलावा बंजर भूमि का विकास होता है, यह मिट्टी का कटाव रोकता है, कार्बन पृथक्करण आदि के लिए लाभकारी है।

कैक्टस की खेती के लिए जमीन

वह किसान जिनके खेत की जमीन अच्छी नहीं है तो चिंता ना करें। कैक्टस की खेती कर सकते हैं। कैक्टस की खेती अर्ध शुष्क, शुष्क क्षेत्र में कर सकते हैं। पानी की समस्या है, बारिश नहीं हो रही, तो वहां कैक्टस की खेती कर सकते हैं। खेत की मिट्टी अगर छारीय है तो भी कैक्टस की खेती की जा सकती है। इसकी खेती के लिए रेतीली, रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है।

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विंध्याचल मंडल में कैक्टस की खेती

मिर्जापुर और सोनभद्र के इलाके में अब कैक्टस की खेती शुरू होने जा रही है। यहां कुछ ऐसी जमीन है जो इसकी खेती के लिए उपयुक्त है। साथ-साथ उद्दान विभाग किसानों का सहयोग करेगी। अप्रैल से उन्हें पौधे प्राप्त होंगे। बताया जा रहा है कि इसकी बिक्री के लिए भी इंतजाम किया गया है। विश्व की संस्था ईर्काडा की तरफ से कैक्टस का पौधा तैयार किया गया है। साथ ही बिक्री के लिए सोनभद्र में एफपीओ रीजनरेटिव एफपीओ कुलडोमरी के डायरेक्टर मुकेश पनिका ने प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई है। जिसमें पौधा बेंच सकते हैं। कैक्टस की खेती से उनके उत्पाद विदेश तक भेजे जाएंगे, जिससे ऊँची कमाई होगी।

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