PMKisan के लाभार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी, 2 अगस्त 2025 को किसानों के खाते में सरकार ने 20,500 करोड रुपए की राशि ट्रांसफर कर दी गई है-
PMKisan की 20वीं किस्त हुई ट्रांसफर
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने वाले देश के किसानों को बहुत-बहुत बधाई हो। 20वीं किस्त आपके खाते में आ चुकी है। जिसमें किसानों को ₹2000 मिले हैं। आपको बता दे की 20,500 करोड रुपए सरकार ने किसानों के खाते में भेजा गया है जो कि सीधा उनके बैंक खाते में हस्तांतरित हुआ है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वाराणसी में एक क्लिक के द्वारा किसानों के खाते में यह पैसा भेजा है।

9 करोड़ 70 लाख किसानों के खाते में आए पैसे
बात करें 19वीं किस्त की तो किसानों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही थी। जिन्हें 23 हजार करोड रुपए मिले थे। लेकिन 20वीं किस्त के बाद बताया जा रहा है कि 9.7 करोड़ किसानों को पैसा मिला है। यानी कि कुछ किसानों का नाम कट गया है तो कई ऐसे भी किसान है जो कि इस योजना से निकल चुके हैं, तो चलिए जानते हैं इसका कारण क्या हो सकता है।
अन्नदाताओं का सम्मान, समृद्ध राष्ट्र का निर्माण! #PMKisan की 20वीं किस्त से किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान !
— PM Kisan Samman Nidhi (@pmkisanofficial) August 2, 2025
माननीय PM @narendramodi ने वाराणसी से एक क्लिक में9.7 करोड़ किसानों को ₹20,500करोड़ की राशि DBT से ट्रांसफर की।#PMKisan20thInstallment #DBTforFarmers #ModiGovtForFarmers pic.twitter.com/ANeh7vZvLM
यह भी पढ़े- किसानों को फ्री बांटा जा रहा तोरिया का बीज, 1 अगस्त से लिया जा रहा आवेदन, जानिए कितना मिलेगा बीज
PMKisan का पैसा ना आने का करण
कई ऐसे किसान है जिन्हें 19वीं किस्त मिली थी। लेकिन 20वीं किस्त नहीं मिली है। जिसके कई कारण हो सकते हैं। कई किसानों के नाम इस योजना से हटा दिए गए हैं। जिसमें बताया जा रहा है कि सरकार ने किसानों से अनुरोध का किया था कि वह ईकेवाईसी करवा ले। साथ ही अपना बैंक अकाउंट एक्टिव रखें, और खाते में डीबीटी का विकल्प चालू कर ले। फार्मर आईडी बनवाये तथा लैंड रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन करें। लेकिन बहुत से ऐसे किसान है जिन्होंने यह काम पूरे नहीं किए थे। तो इस कारण भी उनके पैसे नहीं आए हैं।
लेकिन कुछ ऐसे भी किसान थे जो कि इस योजना की गाइडलाइन को पूरा नहीं कर पा रहे थे, इसलिए उन अपात्र लोगों का नाम काट दिया गया है। यह योजना छोटे सीमांत किसानों के लिए शुरू की गई है।