इस कड़वी सब्जी की खेती किसानों के जीवन में मिठास घोलने वाली होती है इसकी खेती में खर्चा ना के बराबर होता है और कमाई बहुत जबरदस्त होती है तो आइये इसकी खेती के बारे में समझते है।
कड़वी फसल से मीठी और मोटी होगी कमाई
करेले की खेती कम लागत और कम समय में तैयार होने वाली बहुत अच्छी फसल है आय बढ़ाने के लिए किसान मुख्य फसलों के साथ इसकी खेती भी कर सकते है। करेले की डिमांड बाजार में बहुत अधिक मात्रा में होती है क्योकि लोग इसका सेवन करना बहुत पसंद करते है। आज हम आपको करेले की चुनिंदा वैरायटी के बारे में बता रहे है जो उच्च गुणवत्ता वाली रोग प्रतिरोधक किस्म है। ये किस्म लंबी दूरी तक परिवहन के लिए अच्छी है जिससे किसानों को अपने उत्पादों को दूर-दराज के बाजारों तक पहुंचाने में मदद मिलती है। हम बात कर रहे है करेले की ईस्ट वेस्ट प्रगति 065 F1 वैरायटी की खेती की ये करेले की एक संकर हाइब्रिड किस्म है जो अच्छी पैदावार और बीमारियों के प्रतिरोधी होने के लिए जानी जाती है।

करेले की ईस्ट वेस्ट प्रगति 065 F1 वैरायटी
करेले की ईस्ट वेस्ट प्रगति 065 F1 वैरायटी की खेती बहुत लाभदयक होती है इसकी खेती के लिए अच्छी जल धारण क्षमता वाली रेतीली दोमट मिट्टी या कार्बनिक पदार्थों से भरपूर चिकनी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इसकी बुवाई से पहले खेत को जोतकर समतल करना चाहिए और मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट डालना चाहिए इसकी खेती में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 6 फीट और पौधे से पौधे की दूरी 2 फीट रखी जाती है बुआई के लिए प्रति एकड़ 500-600 ग्राम बीज पर्याप्त होते है। बुआई के बाद करेले की ईस्ट वेस्ट प्रगति 065 F1 वैरायटी की फसल करीब 50 से 55 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
बंपर होगी उपज
अगर आप करेले की ईस्ट वेस्ट प्रगति 065 F1 वैरायटी की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत अच्छी पैदावार देखने को प्राप्त होगी ये किस्म मार्केट में बहुत डिमांडिंग होती है एक एकड़ में करेले की ईस्ट वेस्ट प्रगति 065 F1 वैरायटी की खेती करने से करीब 120 क्विंटल तक पैदावार होती है ये बाजार में करीब 30 से 40 रूपए प्रति किलो की कीमत पर बिकते है। आप इसकी खेती से एक एकड़ में करीब 3 से 4 लाख रूपए की कमाई कर सकते है। करेले की ईस्ट वेस्ट प्रगति 065 F1 वैरायटी की खेती बहुत फायदेमंद मानी जाती है।