धान की खेती में खरपतवार उगना एक बड़ी समस्या है इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए ये दो चीज का कॉम्बिनेशन बहुत असरदार साबित होता है तो चलिए जानते है कौन सी चीज है।
धान की पैदावार में होगी छप्परफाड़ वृद्धि
धान की खेती किसानों के लिए बहुत गुणकारी और अच्छे मुनाफे वाली होती है लेकिन अच्छा मुनाफा कमाने से पहले धान की खेती में बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है धान की अच्छी पैदावार हो इसके लिए किसान दिन रात बहुत कड़ी मेहनत करते है। लेकिन खरपतवार पौधों की वृद्धि में बाधाएं पैदा करते है जिससे धान की उपज में गिरावट होती है इसलिए समय पर खरपतवार को नियंत्रित कर लेने चाहिए। क्योकि ये न केवल पोषक तत्व को खींच कर धान की गुणवत्ता को कम करते है बल्कि उनके वजन को भी कम कर देते है। आज हम आपको कुछ ऐसी दवाओं के बारे में बता रहे है जो खरपतवार को जड़ से खत्म कर देती है और पैदावार को कई गुना बढ़ाने में सहायक साबित होती है तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है।

धान की फसल में खरपतवार को खत्म करेगी ये चीज
धान की फसल में खरपतवारों का नोमिनिशन मिटाने के लिए हम आपको मेटसल्फ्यूरान मिथाइल 10% और क्लोरीमुरान 10% के बारे में बता रहे है ये एक शाकनाशी है ये मुख्य रूप से चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों, घास और कुछ झाड़ियों को नियंत्रित करने के लिए बहुत प्रभावशाली और लाभदयक साबित होती है। इसमें कई तत्व के गुण होते है जो धान की वृद्धि में रूकावट पैदा करने वाले कई खरपतवार और कीटों को जड़ से खत्म कर देते है लेकिन इनका उपयोग सही समय और उचित मात्रा में करना ही लाभकारी साबित होता है।
ऐसे करें उपयोग
धान की फसल में खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए मेटसल्फ्यूरान मिथाइल 10% और क्लोरीमुरान 10% का उपयोग बहुत उपयोगी और प्रभावी माना जाता है इनका उपयोग धान की रोपाई के 20 से 25 दिनों के बाद जब खरपतवार दो से तीन पत्ती के हो और खेत में पानी भी ना भरा हो तब करना चाहिए। इन दवा को 100 लीटर पानी में घोलकर बनाकर छिड़काव कर सकते है। आपको बता दें दवा के छिड़काव करने के 24 घंटे के बाद धान की फसल में पानी दे सकते है ऐसा करने से धान की फसल में खरपतवार जड़ से नष्ट हो जाते है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।