इस समय मक्के की फसल में एक खतरनाक कीट देखा जा रहा है, जो धीरे-धीरे मक्के की पत्तियों, फूलों और फलों को खा रहा है। तो आइए जानते हैं इस कीट को कैसे रोके।
मक्के की फसल में कीट का प्रकोप
खरीफ सीजन में कई किसानों ने मक्के की फसल लगाई थी, अब मक्के की खेती में पहले से ज़्यादा मुनाफ़ा हो रहा है, इसकी माँग कई इलाकों में है, ऐसे में आज खबर आ रही है कि हिमाचल प्रदेश के किसानों को मक्के की फसल में एक खतरनाक कीट दिखाई दे रहा है, कई इलाकों में इसका प्रकोप 10 से 15 प्रतिशत तक देखा जा रहा है, जिन इलाकों में ये कीट 10 प्रतिशत से ज़्यादा दिखाई दे रहे हैं, वहाँ कृषि विशेषज्ञों ने उन्हें रासायनिक दवाओं का छिड़काव करने की सलाह दी है।
फॉल आर्मी वर्म कीट से मक्के की फसल को नुकसान
मक्के की फसल में जो कीट दिखाई दे रहा है उसे फॉल आर्मी वर्म कहते हैं। यह मक्के की खेती करने वाले किसानों के लिए किसी दुश्मन से कम नहीं है। इसका ख़तरा मक्के की फसल की पत्तियों को खा जाता है और फूलों के साथ-साथ मक्के के भुट्टों को भी अपना शिकार बनाता है, जिससे मक्के की खेती करने वाले किसानों को नुकसान होगा। मक्के की फसल से न तो अनाज मिलेगा और न ही चारा। यह पौधों के तनों में घुसकर फसल को अंदर से खोखला कर देता है। तो आइए आपको बताते हैं कि इसके लिए छिड़काव हेतु कृषि विशेषज्ञ क्या जानकारी देते हैं।
फॉल आर्मी वर्म कीट के लिए छिड़काव
अगर किसानों को मक्के की फसल में फॉल आर्मी वर्म कीट का प्रकोप दिखाई दे, तो वे जैविक और रासायनिक दोनों उपाय कर सकते हैं। अगर इस कीट का प्रकोप 10 प्रतिशत से ज़्यादा न हो, तो ऐसी स्थिति में जैविक उपाय करना बेहतर होगा, जिसमें नीम का अर्क या किसी अन्य जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन अगर ख़तरा 10 प्रतिशत से ज़्यादा हो, तो किसानों को रासायनिक छिड़काव करना चाहिए, जिससे जल्दी असर दिखेगा।
जिसमें विशेषज्ञ का कहना है कि इनमें से किसी एक दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है – क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल या इमामेक्टिन बेंजोएट, जिसकी मात्रा बताई गई है कि 10 लीटर पानी में 4 मिली दवा मिलाकर छिड़काव करें, इससे इस कीट पर नियंत्रण में मदद मिलेगी।