इस खेती में है अँधा पैसा, 55 हजार रु किलो बिकती है, हर घर में है मांग, बाहरी देशो से खरीद रही सरकार। जानिये इस महंगी चीज की खेती के बारें में पूरी जानकारी।
इस खेती में है अँधा पैसा
खेती करके भी लाखों करोड़ों रुपए कमाए जा सकते हैं। लेकिन किसी ऐसी चीज की खेती करनी होगी जिसकी बाजार में डिमांड और कीमत भी ज्यादा होती है। तो आज हम आपके लिए एक ऐसी फसल की जानकारी लेकर आए हैं जिसकी खेती करके तगड़ी कमाई की जा सकती है। इससे 1 -2 किलो में ही लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं तो चलिए जानते हैं आखिर यह कौन-सी खेती है जिसमें अंधा पैसा है।
हर घर में है मांग
दरअसल, हम हींग की खेती की बात कर रहे हैं। हींग की डिमांड हर घर में होती है ही। यह एक ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल बहुत कम मात्रा में करने पर भी खाने का स्वाद बदल जाता है। लेकिन आपको बता दे कि अपने देश में बहुत कम हींग की खेती होती है और सरकार दूसरे देशों से हींग का आयात कर रही है। मगर अपने देश में भी अब 2022 से हिमाचल प्रदेश में हींग की खेती होने लगी है तो चलिए जानते हैं की खेती कैसे करें।
ऐसे होती है हींग की खेती
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए हींग की खेती के बारे में कुछ अहम जानकारी।
- हींग की खेती ठंडे मगर सूखे वातावरण में होती है।
- जिसके लिए तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच का हो तो बढ़िया होता है।
- हींग की खेती अधिकतर पहाड़ी इलाकों में होती है।
- हींग की खेती के लिए खेत को बढ़िया से तैयार करके मिट्टी को भुरभुरी बना देना चाहिए।
- उसके बाद हींग की बुवाई जब करें तो दो पंक्ति के बीच की दूरी 1.0 मीटर से 1.5 मीटर रखे और दो पौधो के बीच की दूरी 0.75 मीटर से 1.0 मीटर रखे।
- हींग की खेती में नमी का ध्यान रखना जरूरी होता है। ज्यादा पानी देने से पौधे को नुकसान हो सकता है।
हींग की खेती में निवेश और कमाई
हींग की खेती में निवेश और कमाई की बात करें तो इसमें मुनाफा तो बहुत है। क्योंकि इसकी कीमत ₹35000 से लेकर ₹60000 किलो तक है। जिसमें औसतन कीमत 55000 रु किलो मिलती है। लेकिन निवेश की बात करें तो साल 2023 की रिपोर्ट के अनुसार 1 हेक्टेयर में अगर हींग की खेती करते हैं तो ₹300000 लागत और पांचवें साल 10 लाख रुपए की कमाई इससे होती है। लेकिन एक महीने में भी आप 5 किलो हींग बेच लेते हैं तो उससे दो से ₹300000 की कमाई हो जाती है। इस तरह हींग की खेती में कमाई तो है।
लेकिन इसके लिए आपको वातावरण और जलवायु का ध्यान रखना होगा और हींग बनाने के मशीनों आदि की भी जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि हींग बनाने की प्रक्रिया अलग होती है।