DAP की जगह नैनो डीएपी खाद डालें, खर्चा घटेगा, उत्पादन बढ़ेगा, जानिए धान में नैनो डीएपी खाद का कैसे करें इस्तेमाल

On: Friday, July 11, 2025 12:53 PM
नैनो डीएपी का इस्तेमाल कैसे करें

DAP नहीं मिल रही तो इससे अच्छा विकल्प नैनो डीएपी है, जिससे उत्पादन बढ़ेगा, खर्चा घटेगा, चलिए जानते हैं Nano DAP का इस्तेमाल कैसे किया जाता है-

डीएपी से बेहतर नैनो डीएपी

इस समय कुछ किसानों को खाद की समस्या से जूझना पड़ रहा है। लेकिन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। कृषि वैज्ञानिक नैनो DAP की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि धान की फसल में डीएपी की जगह पर नैनो डीएपी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह ज्यादा लाभकारी होगी। इससे फसल को अधिक पोषण मिलेगा। तथा खर्चा भी घटेगा, तो चलिए बताते हैं डीएपी डाई अमोनियम फास्फेट के जगह पर नैनो डीएपी का इस्तेमाल करने पर क्या फायदा है।

नैनो डीएपी खाद के फायदे

नैनो डीएपी एक तरल खाद है, नैनो डीएपी, DAP की भारी बोरी से कहीं ज्यादा हल्की होती है। इसे किसान एक डब्बे में भरकर एक हाथ से उठा सकते हैं, और 1 एकड़ की जमीन में एक बार में इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी कि इसका भंडारण और वितरण करना आसान है। इसके अलावा इसमें डीएपी से ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं, उत्पादन इससे बढ़ेगा तथा पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगी।

लागत कम होगा, क्योंकि एक एकड़ में धान की फसल में अगर एक DAP ठोस डालते हैं तो 1350 रुपए खर्च होते हैं। वहीं अगर 50 किलो ठोस डीएपी के साथ 500 मिलीलीटर नैनो डीएपी का मिश्रण डाल दिया जाए तो सिर्फ 1275 रुपए में काम हो जाता है। चलिए अब जानते हैं नैनो डीएपी का इस्तेमाल कब-कब और कितनी मात्रा में करना चाहिए।

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नैनो डीएपी का इस्तेमाल कैसे करें

नैनो डीएपी का इस्तेमाल करना आसान है। जिसमें धान की फसल के बात करें तो करीब तीन बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसमें मात्रा की बात करें तो एक एकड़ में 600 मिलीलीटर नैनो डीएपी की आवश्यकता होती है। यहां पर जब धान की बुवाई करते हैं तो 30 किलो बीज में 150 एमएल नैनो डीएपी को 3 लीटर पानी में मिलाकर बीज का उपचार करना है। जिसके लिए आधा घंटा बीज को छांव वाली जगह पर रखें, सुखाय और उसके बाद इसकी बुवाई कर दें।

इसके बाद रोपाई के समय में नैनो डीएपी का इस्तेमाल करना है। जिसमें 50 लीटर पानी में 250 एमएल नैनो डीएपी मिलाना है, और फिर रोपाई के लिए जो नर्सरी तैयार की है उन पौधों की जड़ों को आधा घंटा के लिए डुबोकर रखना है। इसके बाद फसल की बुवाई करनी है। फिर एक महीने के बाद 125 लीटर पानी में 250 मिलीलीटर नैनो डीएपी मिलाना है और खड़ी फसल पर छिड़काव कर देना है। इससे फसल को पोषण मिल जाता है और उत्पादन अच्छा मिलता है।

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