छोटे बड़े सभी किसान सस्ते में कृषि यंत्र लेकर खेती कर सकते हैं, चलिए आपको बताते हैं पंचायत स्तर पर कैसे फायदा मिलेगा-
पंचायत में मिलेंगे सस्ते में कृषि यंत्र
गांव के किसान कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करके खेती को आसान बना सके इसके लिए राज्य सरकार ने बड़ी पहल की है। जिसमें अभी तक काम हो रहा था, लेकिन अब इस काम में तेजी आएगी। आपको बता दे की छोटे, लघु, सीमांत, किसानों को कृषि यंत्र के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी, उन्हें अपने गांव में पंचायत स्तर पर कृषि यंत्र मिलेंगे। जिसमें सस्ते सभी तरह के कृषि यंत्र बहुत आसानी से कम खर्चे में मिलेंगे। क्योंकि पंचायत स्तर में पर कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जा रहे हैं, चलिए जानते हैं इस पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में।
कस्टम हायरिंग केंद्र पर सब्सिडी
किसानों को खेती के लिए कृषि यंत्र समय पर मिल जाए इसके लिए कृषि मशीनीकरण को राज्य सरकार प्रोत्साहित कर रही है। दरअसल, यहां पर बिहार सरकार की बात की जा रही है। जिसमें पंचायत स्तर के किसानों को कृषि यंत्रों का सीधा फायदा मिल सके। इसके लिए उन्हें कस्टम हायरिंग सेंटर का लाभ दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि एक कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने में 10 लाख का खर्चा आएगा। जिसमें 40% सब्सिडी दी जाएगी। इस कस्टम हायरिंग केंद्र में रोटावेटर, लेजर लैंड लेवलर, रीपर जैसे कई तरह के कृषि यंत्र किसानों को मिलेंगे। जिससे बिना मजदूरों की भी खेती की जा सकेगी।
किन किसानों को मिलेगा फायदा
बिहार के किसानों के लिए यह योजना है। इसका फायदा किस व्यक्तिगत तौर पर या फिर एफपीओ, स्व सहायता समूह, ग्राम संगठन, जीविका समूह जैसे संगठनों के साथ मिलकर भी उठा सकते हैं। बताया जा रहा है कि बिहार में 950 कस्टम हायरिंग केंद्र बन चुके हैं, और 267 नए कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए जाएंगे। जिससे अधिकतर किसान इस योजना का लाभ उठा पाएंगे।
कस्टम हायरिंग केंद्र (CHC) में किसानों को कृषि यंत्र (कृषि मशीनरी) किराये पर मिलता है। किसान इन केंद्रों पर जाकर अपनी जरूरत के अनुसार कृषि यंत्र किराये पर ले सकते हैं, और खेती कम खर्चे में कर सकते है।