सोयाबीन के किसान उत्पादन घटने से बचाना चाहते हैं तो बरसात में कुछ बातों का ध्यान रखना है, नहीं तो पूरी फसल गल कर गिर जाएगी-
सोयाबीन की फसल में बरसात में समस्या
सोयाबीन की फसल में बरसात में कई तरह की समस्याएं आती हैं, जैसे की डंपिंग ऑफ भी एक बड़ी समस्या है। इसके अलावा कीट रोग और भी समस्याएं आती हैं। जिसमें डंपिंग ऑफ में क्या होता है कि बीज और पौधों में सड़न की समस्या देखने को मिलती है जो किसानों के लिए बहुत ही नुकसानदायक चीज है। इससे खेत में पौधों की संख्या कम हो सकती है। बीज सही से अंकुरित नहीं हो पता है या अंकुरित होने के बाद भी मर सकता है।
साथ ही पौधों के तने में जड़ के आसपास सड़न देखने को मिलता है। जिससे धीरे-धीरे फसल मुरझाने लगती है, और सड़ कर गिर जाती है। इससे उत्पादन में कमी हो सकती है। जिसके लिए किसान फफूंद नाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे फसल को खराब होने से बचाया जा सकता है। चलिए आपको उन फफूंदनाशकों के बारे में बताते हैं जिसका इस्तेमाल करना सही होगा।
इन फफूंदनाशकों के छिड़काव से मिलेगी राहत
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार सोयाबीन की फसल में अगर डंपिंग ऑफ (Damping Off Disease) की समस्या आती है तो किन फफूंदनाशकों का इस्तेमाल कर सकते हैं उसके बारे में जानते हैं-
- सोयाबीन के फसल में अगर डंपिंग ऑफ की समस्या है तो KTM फफूंदनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह जड़ के फफूंद को समाप्त करता है तथा फैलने से भी रोकता है और जड़ों को मजबूती प्रदान करता है। थायोफिनेट मिथाइल 70% WP का यह फफूंदनाशक प्रभावशाली है।
- इसके अलावा कृषि विशेषज्ञ कुछ अन्य फफूंदनाशकों के बारे में भी बताते हैं जैसे की मेटलैक्सिल , कार्बेंडाज़िम, मैनकोजेब इनके अलावा, टेबकोनाज़ोल और ट्राईफ्लॉक्सिस्ट्रोबिन जैसे संयोजन है जिनका इस्तेमाल किसान कर सकते हैं।