Success Story of Farmer: इस गुलाबी गूदे वाले फल की खेती से प्रति सीजन 7 लाख कमा रहा किसान, यहां पढ़िए उनकी कमाई कर राज

किसान भाई अगर डेढ़ एकड़ की जमीन से प्रति सीजन 7 लाख की कमाई करना चाहते हैं तो चलिए बताते हैं वह कौन से फल की खेती, किस तरीके से करते हैं-

किसान की सफलता की कहानी

दूसरे किसानों की सफलता की कहानी को पढ़कर अन्य किसान भी प्रेरित होते हैं। तथा उनके तरीकों को आजमा कर अपनी आमदनी में वृद्धि करते हैं। जिसमें आज बात कर रहे हैं रायबरेली के किसान अजय कुमार की जो की गुलाबी गूदे वाले फल की खेती करके प्रति सीजन 6 से 7 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं। वह बताते हैं कि साल भर इसमें खेती से आमदनी होती है। पारंपरिक फसलों की तुलना में इसमें ज्यादा मुनाफा हो रहा है, तो चलिए आपको बताते हैं वह कौन से फल की खेती करते हैं, खेती का तरीका क्या है।

गुलाबी गूदे वाले फल की खेती से आमदनी

जिस गुलाबी गूदेवाली फल की खेती की यहां पर बात की जा रही है, वह ताइवान पिंक अमरुद है। जिसका गूदा गुलाबी रंग का होता है। इस वैरायटी के अमरुद बाजार में आसानी से बिक जाते हैं, स्वादिष्ट होते हैं, ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। जिसमें किसान ने बताया कि कृषि विभाग से उन्हें सहयोग मिला है, उन्हें पिक ताइवान की खेती कैसे करनी चाहिए, इसकी जानकारी मिली है।

आपको बता दे की उद्दान अधिकारी कार्यालय रायबरेली से उन्होंने संपर्क किया और कर्मचारियों की देखरेख में खेती की, जिससे उन्हें अच्छा उत्पादन मिल रहा है। वह बताते हैं कि डेढ़ एकड़ की जमीन में ₹200000 का खर्चा करके, 6 से 7 लाख रुपए की आमदनी ले रहे हैं, तो चलिए आपको बताते हैं, वह कौन से तरीके से खेती करते हैं, क्योंकि सही तरीका आप अपनाएंगे तभी मुनाफा होगा।

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खेती का तरीका बदल रहा जिंदगी

किसी भी फसल की खेती एक अगर किसान सही तरीके से करते हैं तभी उन्हें उसमें मुनाफा होता है। अगर कोई किसान वही फसल गलत तरीके से या सामान्य तरीके से लगा देते हैं तो उन्हें उतना अच्छा उत्पादन नहीं मिलता है। जिसमें किसान बताते हैं कि वह ताइवान पिंक अमरुद की खेती सघन बागवानी विधि से करते हैं। जिसमें पंक्ति वार में पौधों की रोपाई करते हैं। उन्होंने बताया कि दो पंक्तियों के बीच की दूरी 9 फीट और दो पौधों के बीच की दूरी 7 फिट रखते हैं। छोटे से पौधे से ही इसमें फल आने लगते हैं।

इसके अलावा उन्होंने फलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने तथा चिड़िया से बचाने के लिए फ्रूट कवर बैग का इस्तेमाल किया है। जिसमें सभी फलों में वह बैग लगा देते हैं और जब वह पक जाता है या खाने लायक हो जाता है तो उसे तोड़ लेते हैं। ऐसे में फल की गुणवत्ता बेहतर होती है, कीमत अच्छी मिलती है।

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