धान की खेती करने वाले किसानों को यहां बताएंगे बढ़िया वैरायटी और बुवाई से पहले क्या कैसे बीजाअमृत बनाकर इस्तेमाल करना है जिससे रोग बीमारी से फसल बचेगी-
धान की खेती के लिए वैरायटी का चयन
धान की खेती के लिए सभी किसानों को बढ़िया वैरायटी की तलाश होती है। जिससे उन्हें अच्छा उत्पादन कम लागत में मिल सके। वहीं कुछ किसान चाहते हैं कि वह स्वादिष्ट धान लगाएं, जिसका चावल उन्हें खाने में अच्छा लगे और ज्यादा उसमें रासायनिक दवा आदि का इस्तेमाल न करना पड़े तो ऐसे में किसान भाई खर्च को कम करने के लिए देसी बीज का चयन कर सकते हैं। जिसे घर पर खुद तैयार किया जाता है।

तो चलिए आपको बताते हैं जैविक खेती करने वाले किसान के अनुसार देसी बीज के साथ कैसे बीजाअमृत का इस्तेमाल करके उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है, लागत को घटाया जा सकता है, और जैविक खेती की जा सकती है।
बीजाअमृत क्या है इसका इस्तेमाल कैसे करें?
धान की बुवाई से पहले बीजाअमृत का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कई फायदे होते हैं जैसे की फसल को रोग से बचा सकते हैं। उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। इस बीजाअमृत को बनाने के लिए गाय का गोबर, सूती कपड़ा, गोमूत्र, हल्दी और चूना की जरूरत पड़ती है। जिसमें सबसे पहले 1 किलो गाय का गोबर ले, सूती कपड़े में बांधे, दो लीटर पानी के टब में रात भर भिगोकर रखें, दूसरे दिन उसे अच्छे से निचोड़ ले, और पानी का इस्तेमाल करें।
पानी में आपको 2 लीटर गोमूत्र और 100 ग्राम हल्दी और चूना मिलाना है, जिससे बीजाअमृत तैयार हो जाता है, और फिर उसमें बीजों का उपचार करना है। बीज को उसमें डालना है। जिससे एक परत बीज पर उस बीजाअमृत की चढ़ जाए। इसके बाद इसकी बुवाई कर देनी है। यह बीज अच्छा अंकुरित होगा। इसमें फंगस, कीट आदि की समस्या नहीं दिखाई पड़ेगी। कहीं हद तक यह असरदार उपाय है।