पति ने दिया साथ तो पत्नी ने रच दिया इतिहास, खाद-बीज की दुकान खोल किसानों की कर रही मदद, यहां से ली ट्रेनिंग

पति ने दिया साथ तो पत्नी ने रच दिया इतिहास, खाद-बीज की दुकान खोल किसानों की कर रही मदद, यहां से ली ट्रेनिंग। जानिए सफल महिला की कहानी।

पति ने दिया साथ तो पत्नी ने रच दिया इतिहास

अगर कुछ करने की इच्छा हो तो फिर आदमी हो या औरत सफलता प्राप्त हीं कर लेते है। ऐसी ही एक महिला है जो कि अपने पति की सहायता और अपनी लगन से आज सफलता की ऊंचाइयां छू रही है। आपको बता दे कि उन्हें खेती के प्रति रुचि थी। जिसके वजह से उन्होंने जैविक खाद और बीज की ट्रेनिंग ली। इसके बाद आज वह खाद-बीज की दुकान करके अच्छी खासी कमाई कर रही है। उनका कहना है कि उन्हें इसमें फायदा हो रहा है। लेकिन इसके लिए उन्होंने लोन लिया है और खुद से भी पैसे लगाए हैं।

लेकिन इस काम से खुश है। दरअसल, हम मुजफ्फरपुर की महिला चंचल कुमारी की बात कर रहे हैं। वह 6 महीने से खाद बीज की दुकान करके बढ़िया कमाई कर रही है। लेकिन इससे किसानों को भी फायदा है। चलिए जानते हैं वह किसानों को क्या सलाह देती है और उन्होंने कहां से ट्रेनिंग ली है।

किसानों की कर रही मदद

खाद-बीज की दुकान करके महिला को आज फायदा हो रहा है। लेकिन इससे किसानों को ज्यादा फायदा है और वह बताती है कि किसान उनका बहुत शुरू से सहयोग कर रहे हैं और वह किसानों को यह सलाह देती है कि किसान जैविक खेती करें। केमिकल वाली खाद से मिट्टी खराब होती है और धीरे-धीरे मिट्टी का उपजाऊपन कम होता जाता है। लेकिन जैविक खाद से मिट्टी भी उपजाऊ होगी और उपज में ज्यादा मिलेगी।

इसके अलावा किसानों से कह रही है कि किसान मिट्टी की जांच करवाएं। मिट्टी की जांच करवाने से उन्हें पता चलेगा कि आखिर मिट्टी में किस चीज की कमी है। ताकि वह उस कमी को पूरा कर सके। चलिए जानते हैं कि उन्होंने ट्रेनिंग कहां से ली है।

पति ने दिया साथ तो पत्नी ने रच दिया इतिहास, खाद-बीज की दुकान खोल किसानों की कर रही मदद, यहां से ली ट्रेनिंग

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यहाँ से ली ट्रेनिंग

सरकार बेरोजगारी की समस्या कम करने के लिए हर तरह से प्रयास कर रही है। जिसमें आपको बता दे की एक बार तो जीविका की तरफ से उन्होंने ट्रेनिंग फिर जनता फाउंडेशन की ओर से उन्होंने 21 दिन की ट्रेनिंग ली। इसके बाद लाइसेंस लेकर खाद-बीच की दुकान को खोला। साथ ही निवेश के लिए उन्होंने जीविका से दो बार 50000 का लोन भी लिया। इसके आलावा खुद से भी खर्चा किया। इस तरह अगर कुछ करने की चाह हो तो सफलता मिल ही जाती है।

जिसमें उन्होंने भी बताया कि उन्होंने शुरुआत तो भूगोल की पढ़ाई की। लेकिन बेरोजगारी की बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्होंने उद्योग को बेहतर समझा और कहा कि अगर कोई ट्रेनिंग लेकर उद्योग स्थापित करता है तो उसमें सफलता मिलने के चांस ज्यादा होते हैं। इसीलिए किसी काम को करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। हो सके तो प्रशिक्षण लेना चाहिए। उसके बाद ही कहीं पर समय और पैसा लगाना चाहिए।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद