धान की खेती से किसान अगर अधिक उत्पादन लेना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना होगा तो चलिए यहां पर बुवाई, रोपाई से जुडी कुछ जानकारी लेते है-
धान की खेती से बंपर उत्पादन मिलेगा
धान की खेती से अगर किसान अधिक उत्पादन लेना चाहते हैं तो उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, जिसमें यहां पर हम जानेंगे कि धान की रोपाई कैसे करें, रोपाई का समय क्या रखें, बीज बुवाई से पहले क्या करना है, खेत की तैयारी कैसे करें, खरपतवार को नियंत्रित कैसे करें, सब कुछ।
धान की रोपाई का तरीका
धान की खेती से अगर प्रति एकड़ 45 क्विंटल तक उत्पादन लेना चाहते हैं तो इसके लिए यहां पर आपको रोपाई के तरीके पर ध्यान देना होगा। जिससे हर एक पौधे में 45 कल्ले तक मिलेंगे। इसमें रोपाई के तरीके की बात करें तो दो पौधों के बीच की दूरी 8 इंच और दो लाइन के बीच की दूरी 8 इंच रखे, इससे पौधों का विकास अच्छे से होगा और उत्पादन भी बढ़िया मिलेगा।
इसके अलावा किसानों को घनी रोपाई से बचना चाहिए। मोटा धान लगा रहे हैं, घनी रोपाई कर देंगे तो कीट और फंगस की समस्या बढ़ सकती है। जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है। इसीलिए सही वायु संचार के लिए पौधों को उचित दूरी पर रोपना चाहिए।
खेत की तैयारी
धान की रोपाई के सही तरीके के बारे में सभी को पता होना चाहिए। इसलिए हमने पहले उसकी चर्चा की, लेकिन कुछ किसान पहली बार धान की खेती करने जा रहे हैं तो उन्हें धान की खेत की तैयारी सही तरीके से करनी चाहिए। जिसमें बीज बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करें और उसे समतल बनाएं। समतल करने के लिए लेजर लैंड लेवलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। खेत में पर्याप्त नमी रखें और पलेवा करके खेती करें।
बुवाई से पहले करें बीज का उपचार
धान के बीजों का उपचार करने से अंकुरण क्षमता बढ़ जाती है। उत्पादन अधिक मिलता है, और कई तरह के रोगों से बीज को बचाया जा सकता है। बीज उपचार करने के लिए कई तरह की दवाई बाजार में उपलब्ध है, और तरीके भी कई सारे हैं। जिसमें एक तरीका है कि बीज को घोल में मिलाकर छिड़काव करें।
खरपतवार से धान की फसल को बचाएं
धान की फसल में खरपतवार की समस्या अधिक रहती है। इसके लिए दवा का छिड़काव नहीं कर सकते हैं। जिसे धान की रोपाई के 72 घंटे के भीतर किया जाता है। आप बाजार में उपलब्ध किसी भी बढ़िया फंगीसाइड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे रोपाई के बाद जल्दी खरपतवार नहीं उगती है।